55 मिनट तक चली पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात, क्यों महत्वपूर्ण है यह मुलाकात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को महाबलीपुरम में ताज फिशरमैन के कोव रिसॉर्ट में मुलाकात की। यह मुलाकात 55 मिनट तक चली। मुलाकात के बाद मोदी ने जिनपिंग को समुद्र भी दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हो रही यह बातचीत पूरी तरह अनौपचारिक है। भारत-चीन के संबंधों में आते उतार-चढ़ाव के बीच इन दोनों नेताओं के बीच बातचीत काफी महत्वपूर्ण है। यह इन दोनों देशों के बीच आर्थिक और क्षेत्रीय संबंधों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मुलाकात साबित होगी।
इस अनौपचारिक मुलाकात के बाद भारत और चीन मीडिया के लिए बयान जारी करेंगे। हालांकि दोनों देश किसी समझौते को लेकर संयुक्त बयान जारी नहीं करेंगे।
इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को चेन्नई पहुंचे और वे वहां से महाबलीपुरम गए तो लोक नर्तकों और भरतनाट्यम कलाकारों ने तमिल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ उनका स्वागत किया। बड़ी संख्या में बच्चों ने भारतीय और चीनी झंडे लहराकर उनका अभिवादन किया।
जिनपिंग से पहले हेलीकॉप्टर से मामल्लापुरम पहुंचे प्रधानमंत्री ने अर्जुन तपस्या स्मारक पर चीनी नेता की अगवानी की। परंपरागत तमिल परिधान धोती, अंगवस्त्रम और शर्ट पहने प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का हालचाल पूछा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इन दिनों 2 दिवसीय भारत के दौरे पर हैं। यहां से वे नेपाल के दौरे पर जाएंगे। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिनपिंग से मुलाकात की थी।