राज्यपाल मलिक के निशाने पर मोदी सरकार, कहा- कुत्ते की मौत पर शोक, किसानों की मौत पर कोई ध्यान नहीं
नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों के मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप एक कुत्ते के मरने पर शोक व्यक्त करते हैं, लेकिन यहां 600 किसानों की मौत पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
उन्होंने कहा कि कोई संवेदना न होना किसानों के साथ अन्याय है। इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में मलिक ने कहा कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध पूरी तरह जायज है। उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया से यह सीखा है कि अपने समुदाय के हितों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
मलिक ने कहा कि मेरा जन्म भी किसानों के बीच हुआ है। मैंने उनके संघर्षों को देखा भी है और महसूस भी किया है। मोदी जी जब मुख्यमंत्री थे तब न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति उनका यही नजरिया था। उन्होंने कहा कि आप एक कुत्ते की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं, लेकिन 600 किसानों की मौत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सरकार को सलाह : उन्होंने कहा कि मैं सरकार को चुनौती नहीं दे रहा हूं सिर्फ सलाह दे रहा हूं। यदि सरकार को मेरे बोलने से समस्या है तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में कोई हिंसा नहीं हुई है। लाल किले की हिंसा उन लोगों के कारण हुई जो आंदोलन से जुड़े नहीं थे। किसान आंदोलन से जुड़े लोगों का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था।
गोवा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप : उन्होंने गोवा की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में वो भ्रष्टाचार में लिप्त थी। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में कुछ एक्शन लेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकता। गोवा सरकार कोविड-19 से सही तरीके से नहीं निपटी। गोवा सरकार की घर-घर राशन वितरण की योजना अव्यवहारिक थी। यह एक कंपनी के आग्रह पर किया गया था जिसने सरकार को पैसा दिया था। गोवा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते ही मुझे हटाया गया।