गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Ministry of Defense commends Wing Commander Abhinandan Vardhman
Written By
Last Modified: शनिवार, 2 मार्च 2019 (13:08 IST)

अभिनंदन के साहस को रक्षा मंत्रालय ने किया सैल्‍यूट, तारीफ में कही यह बड़ी बात...

अभिनंदन के साहस को रक्षा मंत्रालय ने किया सैल्‍यूट, तारीफ में कही यह बड़ी बात... - Ministry of Defense commends Wing Commander Abhinandan Vardhman
नई दिल्ली। पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 को खदेड़ने के दौरान दुश्मन के कब्जे में पहुंचे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने जिस अदम्‍य साहस एवं शौर्य का परिचय दिया, उसकी पूरा देश भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहा है और शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने भी शूरवीर के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि देश के सच्चे सपूत ने इतिहास रच दिया।

विंग कमांडर की शौर्य गाथा में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल पर कहा गया है, आपने जीवन को दांव पर लगाकर देश के सम्मान की रक्षा की। घोर संकट की घड़ी में आप विचलित नहीं हुए और आत्मविश्वास को बनाए रखा। अभिनंदन, आपने इतिहास रच दिया। आपमें हमें भारतीय सशस्त्र सेना का सर्वश्रेष्ठ गुण मिला है। वाह, एयर वॉरियर, आपको और शक्ति मिले।

अभिनंदन की देश वापसी के लिए पूरा देश बेचैन था और कल पाकिस्तान से भारतीय सीमा में प्रवेश पर उनकी एक झलक पाने के लिए वाघा सीमा के पास लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विंग कमांडर की घर वापसी पर स्वागत करते हुए ट्वीट किया था कि उनके अनुकरणीय साहस पर देश को गर्व है। मोदी ने ट्वीट किया, देश में आपका स्वागत है विंग कमांडर अभिनंदन। देश को आपके अनुकरणीय साहस पर गर्व है। हमारे सशस्त्र बल 130 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा है, वंदेमातरम।

उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने दूसरे दिन अपने एफ-16 लड़ाकू विमान से जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैन्य ठिकाने पर हमले का प्रयास किया था जिसे वीर सपूत अभिनंदन ने विफल कर दिया लेकिन इस दौरान उनका मिग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

वह विमान से पैराशूट से उतरे लेकिन दुर्भाग्यवश उनके कदम पाकिस्तान की सीमा में पड़े जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया। विंग कमांडर ने वहां अद्भुत साहस का परिचय दिया। इसके बाद भारतीय नेतृत्व और कूटनीति की बदौलत पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा, जिससे उसे अभिनंदन को करीब 60 घंटे के अंदर स्वदेश रवाना करना पड़ा।