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Last Modified: गुरुवार, 31 जनवरी 2019 (17:55 IST)

नाक में लगी थी नली, 2 लोग सहारा देकर लाए, क्या थी मजबूरी कि मनोहर पर्रिकर को ऐसी हालत में पेश करना पड़ा बजट

नाक में लगी थी नली, 2 लोग सहारा देकर लाए, क्या थी मजबूरी कि मनोहर पर्रिकर को ऐसी हालत में पेश करना पड़ा बजट - Manohar Parrikar With Tube Inserted Through his Nose, Presents Goa Budget
पणजी। गोआ के मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर बीमारी के कारण आज जिस हालत में पहुंच गए हैं, उसके कारण वे पूरे देश की सहानुभूति के पात्र बन गए हैं। नरेन्द्र मोदी के सबसे प्रिय माने जाने वाले पर्रिकर ने जिन हालातों में बुधवार को गोआ का बजट पेश किया, उसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि उनके भीतर मानवता नाम की चीज ने दम तोड़ दिया है? आखिर ऐसी कौनसी मजबूरी थी कि उन्हें ही बजट पेश करना पड़ा?
गोआ के मुख्यमंत्री जब बजट पेश करने पहुंचे तो उनकी हालत बहुत खराब थी। नाक में नली लगी हुई थी, 2 व्यक्ति उन्हें सहारा देकर विधानसभा तक लाए थे, ताकि कमजोरी के कारण वे गिर न पड़ें...। 63 साल के पर्रिकर को अग्नाशय से संबंधित बीमारी है और पिछले साल एम्स से छुट्टी मिलने के बाद 14 अक्टूबर से वह यहां पास में डोना पाउला स्थित अपने निजी आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पूरा देश उनके जल्द ही स्वस्थ होने की इसलिए कामना कर रहा है क्योंकि भाजपा शासित प्रदेशों में पर्रिकर जैसा ईमानदार व्यक्ति ढूंढे से नहीं मिलेगा। इतनी खराब हालत में भी पर्रिकर का जोश कम नहीं हुआ है। जब बुधवार को वे बहुत ही खराब स्थिति में बजट पेश करने जा रहे थे तब उनसे कमजोरी को लेकर सवाल किया लेकिन उनका जवाब था 'वेरी हाई जोश, फुली इन होश'। 
 
यह बात अलग है कि बीमारी के कारण से वे जोशीली आवाज के बजाय धीमी आवाज में बजट पेश करते नजर आए। सवाल यह है कि एक सरकारी आदमी से लेकर प्रायवेट जॉब करने वाले इंसान को बीमारी की हालत में छुट्‍टी मिल सकती है तो फिर गोआ के जिस मुख्यमंत्री को इतनी गंभीर बीमारी है, वह क्यों नहीं छुट्‍टी ले सकता?
ऐसा लगता है कि मनोहर पर्रिकर को मजबूर किया जा रहा है कि वे जैसी भी हालत में हों, काम करते रहें...क्या मोदी को डर है कि वाकई पर्रिकर के पास राफेल के कुछ ऐसे राज हैं, जो बाहर आ सकते हैं? राफेल की वजह से उन पर पद पर बने रहने का दबाव है? वित्त मंत्री अरुण जेटली बीमारी के कारण विदेश में रहने की वजह से अंतरिम बजट पीयूष गोयल पेश कर सकते हैं तो फिर पर्रिकर के मामले में ऐसा भेदभाव क्यों? क्या कोई दूसरा नेता गोआ का बजट पेश नहीं कर सकता था?
 
पर्रिकर का 2018 में गोआ, मुंबई, नई दिल्ली और यहां तक कि अमेरिका के अस्पतालों में इलाज हो चुका है लेकिन वे आज तक पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सके हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को जब विधानसभा में अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही बजट पेश किया था, तब भी उनकी नाक में एक नली लगी हुई थी। गोआ में आज वे सुबह के सत्र में विधानसभा नहीं पहुंचे क्योंकि तबीयत ने साथ नहीं दिया। खबर है कि वे शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। एम्स में वे नियमित जांच करवाएंगे और 4 दिनों तक भर्ती रहेंगे।

देश के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री : भारत में कोई भी मुख्यमंत्री इतना सामान्य नहीं है जितने कि मनोहर पर्रिकर। पिछले साल एक पूजा के सिलसिले में वे हरिद्वार गए थे और पूजा के बाद जब उन्होंने पंडित को दक्षिणा देने के लिए जेब में हाथ डाला तो कम रुपए थे। फिर उन्होंने अपने साथ चलने वाले व्यक्ति से 500 रुपए उधार लिए और पंडित की दक्षिणा दी। एक ईमानदार मुख्यमंत्री की हालत यही है कि उसकी जेब में 500 रुपए तक नहीं होते। गोआ की गलियों में भी बिना किसी तामझाम के वे अपने स्कूटर से एक आम इंसान की तरह लोगों के बीच पहुंच जाते थे।
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