• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. manipur violence : mob loots police armoury in bishnupur
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 4 अगस्त 2023 (11:12 IST)

Manipur Violence : पुलिस शस्त्रागार में घुसी भीड़, लूट लीं बंदूक की 19,000 गोलियां

Manipur Violence : पुलिस शस्त्रागार में घुसी भीड़, लूट लीं बंदूक की 19,000 गोलियां - manipur violence : mob loots police armoury in bishnupur
Manipur News : मणिपुर में 3 माह बाद भी हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। भीड़ ने बिष्णुपुर जिले के नारानसीना स्थित द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के मुख्यालय में घुसकर एके और ‘घातक’ श्रंखला की राइफल तथा विभिन्न बंदूक की 19 हजार से अधिक गोलियां लूट लीं। इंफाल में 2 अन्य शस्त्रागारों को भी लूटने का प्रयास किया, लेकिन उसे विफल कर दिया गया।
 
बताया जा रहा है कि चुराचांदपुर की ओर मार्च करने के लिए बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ नारानसीना में इकट्ठा हुई थी, जहां आदिवासी राज्य में 3 मई को भड़की जातीय हिंसा में मारे गए समुदाय के लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बना रहे थे।
 
अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ ने विभिन्न बंदूक की 19,000 राउंड से अधिक गोलियां, एके शृंखला की एक असॉल्ट राइफल, तीन ‘घातक’ राइफल, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफल, पांच एमपी-4 बंदूक, 16.9 एमएम की पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन, 124 हथगोले सहित अन्य हथियार लूट लिए।
 
आदिवासियों द्वारा जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना ने राज्य में नए सिरे से तनाव पैदा कर दिया है। बहुसंख्यक समुदाय इस योजना का विरोध कर रहा है।
 
भीड़ जुटने पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद गुरुवार को बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ में शवों को दफनाए जाने वाले स्थल की ओर निकाले जा रहे जुलूस को रोकने के लिए सेना और त्वरित कार्रवाई बल (RAF) को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान हुई इड़पों में 25 से अधिक लोग घायल हो गए।
 
मणिपुर उच्च न्यायालय ने गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में शवों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना पर रोक लगा दी थी। हालांकि, कुकी समुदाय ने दावा किया था कि उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ चर्चा के बाद योजना स्थगित कर दी है।
 
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा)
Edited by  : Nrapendra Gupta
ये भी पढ़ें
अनुच्छेद 370 हटाने के 5 साल बाद भी कश्मीर को हिंसा से नहीं मिली मुक्ति, प्रतिदिन 1 मौत