MP के मंत्री के बंगले में लगे नीम के पेड़ पर आम के फल, देखकर सब हैरान
आमतौर पर आम के पेड़ पर आम के ही फल आएंगे। लेकिन मध्यप्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल के आवास में उगे एक नीम के पेड़ पर आम के फल आ रहे हैं। यह नजारा देखकर हर कोई हैरान है।
प्रहलाद पटेल मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास का काम संभालते हैं। उनके निवास पर एक नीम का पेड़ है। लेकिन उसमें फल आम के लगे हैं। शनिवार को जब इस पेड़ पर मंत्री की नजर पड़ी तो वह भी अचंभित हो गए। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया पर इस पेड़ का फोटो और वीडियो शेयर किया, जिसके बाद हर तरफ इस पेड़ की चर्चा होने लगी।
नीम का पेड़ करीब 30 साल पुराना : उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा- भोपाल निवास पर नीम के पेड़ पर आम के फल को नजदीक से जाकर देखा तो मन गदगद हो गया। किसी हुनरमंद बागवान ने वर्षों पहले यह प्रयोग किया होगा जो अचंभे से कम नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पेड़ करीब 30 साल पुराना है। उन्होंने कर्मचारियों से इस पेड़ का विशेष खयाल रखने को कहा।
बता दें कि मंत्री प्रहलाद पटेल का निवास भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी के पास सिविल लाइन में B-7 बंगले में है। उनके बंगले के आसपास बड़ी संख्या में पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हरियाली बिखरी रहती है। इन्हीं में से एक नीम का पेड़ भी है। जिस पर आम के फल लगे हुए हैं। इस बंगले में अभी निर्माण कार्य चल रहा है। इसी दौरान शनिवार को प्रहलाद पटेल बंगले का निरीक्षण करने पहुंचे थे। पेड़-पौधों का जायजा लेते समय उनकी नजर इस पेड़ पर पड़ी और उसे देखकर आश्चर्य हो गए।
कहां है पटेल का बंगला : प्रहलाद पटेल को यह बंगला इसी साल आवंटित हुआ है। इससे पहले इस बंगले में शिवराज सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा रहते थे। मुख्यमंत्री आवास के बाद यह बंगला सभी मंत्रियों एवं शासकीय बंगलों में सबसे बड़ा है। इस बंगले में कभी मुख्यमंत्री कार्यालय भी हुआ करता था।
पीसी सेठी जब मुख्यमंत्री थे, तब वह यहीं रहते थे। इसके अलावा यह पूर्व उपमुख्यमंत्री शिवभानु सिंह सोलंकी और सुभाष यादव का भी आवास था। उसके बाद यह बंगला लंबे समय तक खाली रहा. 2018 में राज्य में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आवंटित हुआ था हालांकि वह यहां शिफ्ट होने की जगह 74 बंगला स्थित अपने पुराने आवास में रहे थे।
Edited by navin rangiyal