रांची। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि देश के सभी लोगों की भागीदारी से सभी शहरों को स्मार्ट बनाना है और इसमें 'रांची स्मार्ट सिटी' एक 'लाइट हाउस' का काम करेगा। और यदि सबको साथ लेकर कार्य किया जाएगा तो देश के सभी शहरों को स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
उपराष्ट्रपति ने झारखंड की राजधानी रांची में शनिवार को 'रांची स्मार्टसिटी' के भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद कहा कि केवल रांची के स्मार्ट सिटी बन जाने अथवा देश में 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा इसलिए देश में हर एक शहर को स्मार्ट बनाना है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जनभागीदारी आवश्यक है और यदि सबको साथ लेकर कार्य किया जाएगा तो देश के सभी शहरों को स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि रांची देश की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्टसिटी होगी, जहां आईटी, ब्यूटी, ड्यूटी और सिक्योरिटी सब कुछ उपलब्ध होगा जिसके चलते यह न केवल झारखंड बल्कि समस्त देश के लिए 'लाइट हाउस', प्रेरणास्रोत का काम करेगा।
नायडू ने कहा कि देश में अब स्थिति बदलनी चाहिए। बिजली आए कभी और जाए कभी, इस तरह का पुराना जमाना नहीं होना चाहिए। सभी स्थानों पर और घरों में चौबीसों घंटे बिजली रहनी ही चाहिए तथा दुनिया के अनेक देशों में इस तरह की स्थिति पहले से है, तो आखिर भारत पीछे क्यों रहे? यही सोचकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये सब नई योजनाएं लाई हैं।
उन्होंने अधिकारियों से स्मार्टसिटी को इस प्रकार विकसित करने को कहा, जहां अशुद्ध पानी का पुनर्चक्रण हो और उससे प्राप्त जल का उपयोग बगीचों, कारखानों जैसे पीने से इतर उद्देश्यों के लिए किया जा सके। जहां कुछ इलाकों को विकसित देश की तर्ज पर 'यातायातरहित क्षेत्र' घोषित किया जाए। सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग और ऊर्जानुकूल सड़क की बत्तियां हों। अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था हो। उत्तम शिक्षा, सुचारु यातायात और स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध हो। स्मार्टसिटी में अलग पार्किंग स्थल होना चाहिए। मौसम के वैज्ञानिक पूर्वानुमान की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्मार्टसिटी के लिए स्थानीय नेता और प्रदेश के नेता का भी स्मार्ट होना आवश्यक है और झारखंडवासी भाग्यशाली हैं कि उनके पास रघुवरदास एवं सीपी सिंह का स्मार्ट नेतृत्व है।
नायडू ने कहा कि स्मार्टसिटी के लिए केंद्र सरकार के प्रारंभिक 500 करोड़ रुपए और स्थानीय निकाय द्वारा एकत्रित 500 करोड़ रुपए मिलाकर कुल 1,000 करोड़ रुपए से कुछ नहीं होना है इसीलिए केंद्र की स्मार्टसिटी को सार्वजनिक-निजी साझेदारी से बनाने की योजना है।
नायडू ने वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में अपनी भूमिका को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी सलाह को मानते हुए 'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' प्रारंभ की जिसके चलते आज देश के सभी गांव सड़कों से जुड़े हुए हैं और वहां डॉक्टर, शिक्षक, उद्योगपति से लेकर कलेक्टर एवं नेता तक पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने 1998 से 2004 के अपने कार्यकाल में देश में जो 'स्वर्णिम चतुर्भुज योजना' प्रारंभ की थी आज उसी के चलते देश में सड़क मार्गों की स्थिति इतनी अच्छी है। नायडू ने कहा कि वाजपेयी सरकार से पहले 50 वर्षों में 'नो वे' (सड़क नहीं) की स्थिति थी जबकि वाजपेयी के कार्यकाल में 'फोर वे' बना जिससे देश में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। (भाषा)