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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 18 जुलाई 2016 (09:04 IST)

IS के लिए लव जिहाद, मेरिन बनी मरियम और निमिषा बनी फातिमा

IS के लिए लव जिहाद, मेरिन बनी मरियम और निमिषा बनी फातिमा - love jihad for IS in kerala
देश के कई हिस्सों में लव जिहाद जारी है। ताजा मामले में एक ईसाई लड़की मरियम इसका शिकार हुई है। बताया जाता है कि आईए में शामिल होने गए केरल के 21 मुस्लिमों का कच्चा चिट्ठा धीरे धीरे सामने आने लगा है। पहले निमिशा को फंसाया और उसे फातिमा बनाया। अब आईएस में गई एक और महिला मरियम की दास्तां सामने आई है। उसे पहले प्यार क्या। फिर भगाया और बाद में मुस्लिम बनाया गया। अंत में उसे जबरन आईएस में धकेला गया।
पहले खबर थी कि मरियम उर्फ मेरिन अपने पति के साथ पहले घर से लापता हो गई। फिर खबर आई कि वो भी आईएस में शामिल हो चुकी है। पहले जिस लड़के से उसने प्यार के बाद शादी की उसी ने एक मुस्लिम बिजनेसमैन से मिलकर उसे इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। मुंबई में उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
 
केरल के कांग्रेस विधायक पीटी थॉमस ने दावा किया है कि मरियम इस्लाम के विवादित प्रचारक जाकिर नाईक के विचारों से प्रभावित थी। थॉमस ने जाकिर नाईक के फाउंडेशन पर केरल के युवाओं को बरगलाने का आरोप लगाया
 
थॉमस इससे पहले भी जाकिर नाईक के फाउंडेशन पर केरल के युवाओं को बरगलाने का आरोप लगा चुके हैं। थॉमस ने कहा, 'मरियम मेरे चुनाव क्षेत्र की है। मरियम के परिवार से मुझे पता चला कि मरियम ने धर्म को लेकर इतना कठोर कदम जाकिर नाईक के इस्लामिक रिचर्स फाउंडेशन से प्रभावित होकर उठाया।'
 
लेकिन मरियम के परिवार ने उसके पति याह्या पर मरियम को जबरन आईएस में शामिल होने का आरोप लगाया है। परिवार की शिकायत पर केरल पुलिस ने मरियम के पति याह्या के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों के कानून के तहत केस दर्ज किया है। मुंबई में रहने वाले कुरैशी नाम के बिजनेसमैन पर भी केस दर्ज किया गया है।
 
गौरतलब है कि याह्या खुद पहले ईसाई था। बाद में उसने मुस्लिम धर्म अपनाया। याह्या नौकरी के सिलसिले में मुंबई रहता था और मरियम उसके साथ रहती थी। मरियम कोच्चि के ईसाई परिवार की है। मुंबई में पढ़ाई के दौरान याह्या से प्यार हुआ और इस्लाम अपनाकर दोनों ने शादी कर ली।
 
एबीपी न्यूज के अनुसार यही कहानी निषिमा की भी है जो बाद में फातिमा बन गई वह भी आईएस में शामिल होने वाले 21 लोगों में शामिल है। इसी में से एक युवक ने परिवार से बात करते हुए कहा कि हां में आतंकवादी हूं। कम्‍युनिकेशन एप्‍प टेलीग्राम के जरिए मोहम्‍मद मारवां ने अपने परिवार से बात की है। बातचीत के दौरान उसने कंफर्म किया कि वह ISIS के क्षेत्र में है। उसने यह भी कहा कि वह तभी वापस लौटेगा जब वह 'IS के साथ मिलकर कश्‍मीर, गुजरात और मुजफ्फरनगर के मुस्लिमों की मदद का काम खत्‍म कर लेंगे।'

उल्लेखनीय है कि केरल के रहने वाले 21 युवा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हो चुके हैं। कोई हज के बहाने खाड़ी के देश गया था तो कोई घूमने के लिए लेकिन एक महीने बाद भी वापस नहीं लौटे तब सरकार हरकत में आई। इन सभी की उम्र 30 साल से कम बताई जा रही है। हैरानी की बात ये कि खाड़ी देशों में गायब हुए ये युवा काफी पढ़े लिखे हैं, कोई डॉक्टर है तो कोई इंजीनियर और कोई कंप्यूटर का जानकार।
 
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम पिनराई विजयन ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।

गायब युवाओं में से 11 उत्तर केरल के कासरगोड जिले के पडना और थिरिकारीपुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं और 6 पाल्लकाड के। सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब में लापता हुए युवाओं में एक डॉक्टर है जो अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ हज के लिए निकला था। इसी तरह एक कंप्यूटर इंजीनियर भी अरब देशों की सैर पर निकला था लेकिन अब कहां है किसी को नहीं पता। इसी फेरहिस्त में निमिषा उर्फ फातिमा नाम की एक गर्भवती महिला भी है जो कासरगोड़ के सेंचुरी डेंटल कॉलेज की छात्रा बताई जा रही है। निमिषा अपने पति के भाई और उसकी पत्नी के साथ विदेश गई थी लेकिन अब उसका कोई अता पता नहीं. हैरानी की बात ये है कि निमिषा के भाई एनएसजी कमांडो के तौर पर देश की सेवा करते हैं लेकिन बहन के आईएस के बहकावे में आने का शक है।
 
केरल के ये नौजवान एक साथ नहीं जाकर 2 और तीन के ग्रुप में देश के अलग-अलग शहरों मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरू में पहुंचे। इसके बाद ये अलग-अलग तारीखों पर वहां से अलग-अलग देशों के लिए रवाना हो गए। इन सबकी आखिरी मंजिल थी ईरान की राजधानी तेहरान।
 
इमिग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक 24 मई को 2 संदिग्ध बेंगलुरू से कुवैत पहुंचे। 31 मई को 3 संदिग्ध मुंबई से मस्कट पहुंचे। 2 जून को 3 लोग मुंबई से दुबई पहुंचे। 3 जून को ही 3 लोग हैदराबाद से मस्कट पहुंचे। 5 जून को 3 संदिग्ध मुंबई से दुबई पहुंचे। 16 जून को 2 संदिग्ध बेंगलुरू से मस्कट पहुंचे। 19 जून को 2 संदिग्ध बेंगलुरू से मस्कट पहुंचे। 5 जुलाई को एक संदिग्ध मुंबई से अबुधाबी पहुंचा। इसके बाद सारे संदिग्ध कुवैत, मस्कट, दुबई, अबुधाबी से ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे।

ईरान पहुंचने के बाद सभी संदिग्ध एकसाथ जुटे और फिर 21 में से 19 नौजवान सड़क के रास्ते अपनी मंजिल की तरफ बढ़ गए। माना जा रहा है कि वो इराक, सीरिया या अफगानिस्तान गए हैं। सूत्रों के मुताबिक केरल से लापता इन 21 नौजवनों का मकसद इस्लामिक स्टेट से जुड़ना था। इनमें से एक नौजवान ने मंगलवार को अपने घर फोन किया और बताया कि वो अपनी मंजिल पर पहुंच गया है और उसे बहुत अच्छी लग रहा है।
 
जानकारों का मानना है कि केरल से भागे नौजवान बेहद शातिर हैं। उन्हें मालूम था कि अगर वो एक साथ निकले और सीधे इराक या सीरिया गए तो उन्हें पकड़ लिया जाएगा। इसलिए उन्होंने छोटे-छोटे ग्रुप में और अलग-अलग शहरों से जाने का प्लान बनाया। आखिर में तेहरान पहुंचकर वहां से आईएसआईएस में शामिल होने निकल गए।
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