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Last Updated : शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 (10:12 IST)

मुंबई में फिर मौसम ने ली करवट, आंधी-तूफान के साथ बारिश, सड़कें पानी में डूबीं

भारत में 11 अक्टूबर 2024 का मौसम का ताजा समाचार

मुंबई में फिर मौसम ने ली करवट, आंधी-तूफान के साथ बारिश, सड़कें पानी में डूबीं - Latest weather news for 11 October 2024 in India
heavy rain in mumbai: महाराष्ट्र में मुंबई (Mumbai) के कई क्षेत्रों में गुरुवार रात भारी बारिश (heavy rains), आंधी और आकाशीय बिजली गिरने से नवरात्रि उत्सव प्रभावित हुआ।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई में शुक्रवार को 'आंशिक रूप से बादल छाए रहने तथा मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना' जताई है। मुंबई के कई क्षेत्रों में गुरुवार रात हुई अचानक बारिश से कई लोग हैरान रह गए, क्योंकि आईएमडी ने देश की आर्थिक राजधानी में केवल हल्की से मध्यम बारिश का 'येलो' अलर्ट जारी किया था। बारिश के कारण कई लोग 'गरबा' नृत्य भी नहीं कर पाए।
मोदी का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था : पिछले महीने महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के 8 राज्यों के कई हिस्से भारी बारिश से बेहाल रहे थे। गुजरात में कई जिलों में भारी से बेहद बारिश दर्ज की गई, वहीं 110 किलोमीटर की रफ्तार से चलीं हवाओं के कारण 300 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और कई जगह बिजली के खंभे भी गिर गए। मुंबई में बारिश से जुड़ीं घटनाओं के कारण 6 लोगों की जान चली गई। महाराष्ट्र में मौसम इतना खराब रहा है कि पुणे में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम को ही रद्द करना पड़ा था।
 
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। लोगों की नजरें जहां मानसून (monsoon) की वापसी पर हैं, वहीं दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में तापमान में लगातार बदलाव से लोग परेशान हैं।

दक्षिण-पश्चिम मानसून (southwest monsoon) की हो रही वापसी से पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण भारत के कई राज्यों में लगातार भारी बारिश दर्ज की गई है। दूसरी ओर बिहार, पूर्वी उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और सिक्किम में भारी अभी भी बारिश हो रही है।
 
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बदलता मौसम : अगर दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो मौसम लगातार बदल रहा है। अधिकतम तापमान 30 के पार रह रहा है जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया है। यह अक्टूबर महीने में औसत से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में मौसम के जल्द ही करवट बदलने की उम्मीद है। अगले हफ्ते से दिल्ली में ठंड महसूस होने लगेगी। सुबह-शाम हल्की सिहरन महसूस होगी। मौसम विभाग ने बताया कि 15 अक्टूबर के बाद से हल्के पतले चादर या कंबल निकालने का समय आ जाएगा।ALSO READ: Weather Updates: दिल्ली नोएडा में 15 अक्टूबर के बाद शुरू होगी ठंड, इन राज्यों में बारिश की संभावना
 
दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी वापसी के अंतिम दौर में : आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने वापसी के लगभग अंतिम दौर में है। दशहरे के 1-2 दिन बाद मानसून की पूरे देश से विदाई हो जाएगी। मौसम विभाग ने शुक्रवार को दक्षिणी गुजरात, सौराष्ट्र, पूर्वी महाराष्ट्र, उत्तरी और आंतरिक कर्नाटक, केरल तमिलनाडु और उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
 
मौसम विभाग ने बताया कि कर्नाटक और गोवा तटों के पास मध्य-पूर्व अरब सागर में एक निम्न दबाव बन रहा है, वहीं पूरब में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम तट हिस्से के तमिलनाडु तट के पास एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, वहीं पूर्वोत्तर असम के पास भी एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ और पंजाब में पाकिस्तान के पास वेस्टर्न डिसटर्बेंस बना हुआ है। इन मौसमी घटनाओं की वजह से देश में इस सप्ताह के अंदर केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र गुजरात, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अगले 3 से 4 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है।
 
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा अक्षांश 29° उत्तरी देशांतर 84 डिग्री पूर्व नौतनवा, सुल्तानपुर, पन्ना, नर्मदापुरम्, खरगोन, नंदुरबार, नवसारी, अक्षांश 20° उत्तर और देशांतर 70 डिग्री पूर्व से होकर गुजरती रहती है। अगले 48 घंटों के दौरान गुजरात और मध्यप्रदेश के शेष हिस्सों और महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। एक कम दबाव का क्षेत्र पूर्व-मध्य और उससे सटे लक्षद्वीप और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर है जिससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और अगले 3 से 4 दिनों के दौरान मध्य अरब सागर पर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है।
 
चक्रवाती परिसंचरण श्रीलंका और निकटवर्ती क्षेत्र के ऊपर : एक चक्रवाती परिसंचरण श्रीलंका और निकटवर्ती क्षेत्र के ऊपर है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 से 7.6 किमी ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में है। लक्षद्वीप के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण के पार कोमोरिन क्षेत्र से उत्तरी कोंकण तट तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है और औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है।
 
पिछले 24 घंटों की मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तरी कर्नाटक, असम, सिक्किम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, सिक्किम, ओडिशा, विदर्भ, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप और महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश हुई। रायलसीमा, तेलंगाना, पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तराखंड में हल्की बारिश हुई।
 
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार आज शुक्रवार, 11 अक्टूबर को कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, दक्षिणी मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पश्चिमी हिमालय, बिहार, दक्षिण गुजरात और ओडिशा, उत्तर-पूर्व भारत छत्तीसगढ़ उत्तराखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश संभव है।(Photo courtesy: IMD)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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