वायनाड में भूस्खलन, मलबे में दबे 70 लोगों की मौत, सेना ने संभाला मोर्चा
wayanad landslide : केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर भारी बारिश के बाद हुईं भूस्खलन की घटनाओं में 70 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिला।लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों का निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाल ली है।
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। सोमवार तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर चारों गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है। बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है। उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है। पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं।
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी ने संसद दावा किया कि भूस्खलन में अब तक 70 लोग मारे जा चुके हैं। चूरलमाला में भूस्खलन में 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, चेलियार नदी में बहे 9 लोगों के शव मलप्पुरम में बरामद किए गए। मृतकों के शवों को पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है।
बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गई है। राज्य सरकार ने NDRF के अलावा पुलिस तथा दमकल कर्मियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है।
एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है। इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे।
टेलीविजन चैनलों ने कई लोगों की फोन पर बातचीत प्रसारित की जिसमें वे रो रहे थे तथा किसी से आकर उन्हें बचाने का अनुरोध कर रहे थे क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंस गए या पुलों के बह जाने तथा सड़कों के जलमग्न होने के कारण उनके पास वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है।
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इस बीच चूरलमाला शहर निवासी एक महिला को जोर-जोर से रोते हुए यह कहते सुना गया कि उसके घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। महिला को यह कहते हुए सुना गया, 'कृपया कोई आओ और हमारी मदद करो। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि नौशीन जीवित है या नहीं। वह दलदल में फंस गई है। हमारा घर शहर में ही है...।
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि भूस्खलन में घायल हुए 70 से अधिक लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनपुट भाषा
Edited by : Nrapendra Gupta