• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Land scam Robert Vadra Bhupinder Singh Hooda FIR
Written By
Last Updated :चंडीगढ़/गुड़गांव , रविवार, 2 सितम्बर 2018 (10:41 IST)

जमीन घोटाला : रॉबर्ट वाड्रा और भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज

जमीन घोटाला : रॉबर्ट वाड्रा और भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज - Land scam Robert Vadra Bhupinder Singh Hooda FIR
चंडीगढ़/गुडगांव। गुडगांव में जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ राज्य पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
 
मानेसर के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार ने बताया कि हुड्डा, वॉड्रा और दो कंपनियों- डीएलएफ तथा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ गुडगांव के खेडकी दौला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। कुमार ने बताया कि नूंह निवासी सुरिंदर शर्मा की ओर से हमें शिकायत मिली जिसमें उन्होंने जमीन सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
 
सीबीआई ने दायर किया था आरोप पत्र : इस मामले में सीबीआई ने फरवरी में हुड्डा और 33 अन्य लोगों के खिलाफ 1500 करोड़ रुपए से अधिक के मानेसर जमीन सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोप-पत्र दायर किया था। यह आरोप पत्र गुड़गांव के मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के जमीन सौदों से संबंधित था। भाजपा ने राबर्ट वाड्रा को निशाना बनाते हुए 2014 के चुनाव में इस जमीन सौदे को एक बड़ा मुद्दा बनाया था।
 
यह है आरोप : शनिवार को दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर गुडगांव के सेक्टर 83 में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से वर्ष 2008 में 7.50 करोड़ रुपए में खरीदने का आरोप है, जब हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे और उनके पास आवास एवं शहरी नियोजन विभाग भी था। प्राथमिकी में कहा गया कि स्काईलाइट ने बाद में हुड्डा के प्रभाव से कॉलोनी के विकास के लिए कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त कर इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेचा।
 
इसमें नियमों को उल्लंघन कर गुडगांव के वजीराबाद में डीएलएफ को 350 एकड़ जमीन बेचने का भी आरोप है जिससे इस रियल एस्टेट कंपनी को 5,000 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचा।
 
भाजपा नेतृत्व वाली मनोहरलाल खट्टर सरकार ने 14 मई 2015 को गुडगांव के सेक्टर 83 में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा वाणिज्यिक उपनिवेशों के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था।
 
न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा आयोग का गठन जांच अधिनियम के आयोग के अधीन किया गया। वाड्रा और हुड्डा पर भादंवि की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश), 467 (जालसाजी) और 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (नकली दस्तावेजों को इस्तेमाल असली के रूप में करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
 
शिकायत के अनुसार ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज को भुगतान चेक द्वारा किया गया जिसका उल्लेख पंजीकृत दस्तावेजों में था, लेकिन  ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज ने कभी चेक जमा नहीं कराया जिससे पता चलता है कि यह एक मुखौटा कंपनी थी। (भाषा)
ये भी पढ़ें
अमेरिका ने पाकिस्तान की 30 करोड़ डॉलर की सहायता रद्द की