PM मोदी देश को समर्पित करेंगे सुदर्शन सेतु, जानिए क्या है देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज की खासियत?
- देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है सुदर्शन सेतु
- सुदर्शन सेतु ओखा और बेट द्वारका को जोड़ता है
- द्वारका-बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए आना-जाना होगा आसान
Sudarshan Setu : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात में एक साथ कई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे, इसी में एक सुदर्शन सेतु का लोकार्पण भी शामिल है। यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है। इस ब्रिज का नाम सुदर्शन सेतु है। पीएम मोदी इस ब्रिज को देश को समर्पित करेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक सुदर्शन सेतु देश के नए इंफ्रास्ट्रक्चर का बेजोड़ नमूना है। इस ब्रिज की लंबाई 2.32 किलोमीटर है। इस ब्रिज की लागत 980 करोड़ है और यह ब्रिज ओखा और बेट द्वारका को जोड़ता है। इसके बन जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी।
क्या है सुदर्शन सेतु की खासियत : बता दें कि सुदर्शन सेतु देश में नए इंफ्रास्ट्रक्चर का अनोखा उदाहरण है। इस पुल की लंबाई 2.32 किमी है। इस पुल की लागत 980 करोड़ रुपए है और यह पुल ओखा और बेट द्वारका को जोड़ता है। इसके निर्माण से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी होगी। यह पुल आध्यात्मिकता और धार्मिकता का एहसास कराता है। इसका स्वरूप विशाल एवं भव्य है। इसका डिजाइन अनोखा और मजेदार है. इसमें श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक शामिल हैं और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियां प्रदर्शित हैं।
2016 में मिली थी मंजूरी : सुदर्शन सेतु को साल 2016 में निर्माण की मंजूरी मिली थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी मंजूरी दी थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर, 2017 को इस पुल की आधारशिला रखी थी। ऐसा अनुमान है कि इससे वहां के करीब 10 हजार स्थानीय निवासियों को लाभ मिलेगा। इसके बनने से रोजगार को नए सिरे विस्तार भी मिलेगा।
पहले नाव से होती थी यात्रा : फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर एक सोलर पैनल भी लगाया गया है, जो एक मेगावाट बिजली पैदा करता है। यह पुल द्वारका-बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के लिए परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा और समय बचाएगा। सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव से यात्रा करनी पड़ती थी, जिसमें बहुत समय लगता था। अब यह दिक्कत खत्म होगी और पर्यटन स्थल के रूप में देवभूमि द्वारका का आकर्षण भी बढ़ेगा।
Edited by Navin Rangiyal