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Last Updated : मंगलवार, 24 अगस्त 2021 (17:35 IST)

देश के पहले smog tower का केजरीवाल ने किया उद्घाटन, 1 किमी के दायरे में हवा होगी शुद्ध

दिल्ली में देश के पहले smog tower का केजरीवाल ने किया उद्घाटन, 1 किलोमीटर दायरे में हवा शुद्ध होने की उम्मीद | Arvind Kejriwal
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस में देश के पहले स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया और कहा कि यह एक मील का पत्थर साबित होगा और अगर यह पायलट परियोजना सफल रहती है तो शहर में ऐसे कई टॉवर स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से राष्ट्रीय राजधानी में पीएम2.5 की सांद्रता 150 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गई है और पीएम10 की मात्रा 300 माइक्रोग्राम/मी³ से घटकर 150 माइक्रोग्राम/मी³ हो गई है। यह बीते 5 बरस में किए गए प्रयासों का परिणाम है।

 
केजरीवाल ने कहा कि यह देश में इस तरह का पहला स्मॉग टॉवर है। यह एक नई तकनीक है। हमने इसका अमेरिका से आयात किया है। यह संरचना ऊपर से प्रदूषित हवा को सोख लेगी और नीचे से स्वच्छ हवा छोड़ेगी। यह प्रति सेकंड 1,000 क्यूबिक मीटर हवा को शुद्ध करेगा।

 
उन्होंने कहा कि चूंकि यह एक नई तकनीक है इसलिए इसे प्रायोगिक आधार पर लागू किया जा रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (टीपीएल) ने आईआईटी-बॉम्बे और आईआईटी-दिल्ली के तकनीकी सहयोग से स्मॉग टॉवर का निर्माण किया, जो इसके डेटा का विश्लेषण करेगा। एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड परियोजना प्रबंधन सलाहकार है। केजरीवाल ने कहा कि विशेषज्ञ स्मॉग टॉवर के कामकाज का विश्लेषण करेंगे और हमें बताएंगे कि क्या यह प्रभावी है? यदि यह सफल होता है तो पूरी दिल्ली में ऐसे कई स्मॉग टॉवर लगाए जा सकते हैं। यदि नहीं, तो हम किसी अन्य तकनीक पर काम करेंगे। मुझे लगता है कि यह मील का पत्थर साबित होगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेटा विश्लेषण तुरंत शुरू हो जाएगा। शुरुआती रुझान 1 महीने के भीतर उपलब्ध होंगे। मैं भी यह जानने के लिए उत्साहित हूं कि हम सफल हुए या नहीं? अधिकारियों के अनुसार 24 मीटर से अधिक ऊंचे टॉवर से लगभग 1 किमी के दायरे में वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'स्मॉग टॉवर' की स्थापना प्रायोगिक परियोजना के तहत की गई है। अगर यह सफल रही तो दिल्ली के अन्य इलाकों में भी इसकी स्थापना की जाएगी। दिल्ली कैबिनेट ने पिछले साल अक्टूबर में स्मॉग टॉवर परियोजना को मंजूरी दी थी। 2 साल का पायलट अध्ययन स्मॉग टॉवर की प्रभावशीलता का पता लगाएगा।
 
एक अधिकारी ने कहा कि इसके संचालन की निगरानी के लिए साइट पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। आनंद विहार में केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया एक और 25 मीटर लंबा स्मॉग टॉवर 31 अगस्त तक चालू होने की उम्मीद है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर के लिए नोडल एजेंसी है जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आनंद विहार में एक टॉवर की नोडल एजेंसी है।

 
2 टॉवरों में संयुक्त राज्य अमेरिका में मिनेसोटा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा विकसित 1,200 एयर फिल्टर होंगे जिसने चीन के जियान में 100 मीटर के स्मॉग टॉवर को डिजाइन करने में भी मदद की है। 22-22 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए स्मॉग टॉवरों से 1 किलोमीटर के दायरे में पीएम 2.5 के संकेंद्रण को 70 प्रतिशत तक कम करने का अनुमान है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल जनवरी में केंद्र सरकार को आनंद विहार में प्रदूषण कम करने के लिए एक स्मॉग टॉवर बनाने और दिल्ली सरकार को 3 महीने में कनॉट प्लेस में इस तरह की एक और संरचना स्थापित करने का निर्देश दिया था।