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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2021 (18:20 IST)

129 किमी के सफर में 105 किमी की यात्रा सुरंगों में...

129 किमी के सफर में 105 किमी की यात्रा सुरंगों में... - Katra to Qazigund Rail Track in Jammu Kashmir
जम्मू। यूं तो कटरा से काजीगुंड के 129 किमी लंबे रेल लाइन के सफर का आनंद उठाने को सभी सांस रोके इंतजार कर रहे हैं पर यह कब तक उपलब्ध हो पाएगा, यह सबसे बड़ा प्रश्न है। इतना जरूर है कि कटरा से काजीगुंड के 129 किमी की रेलवे लाइन में सिर्फ 24 किमी तक ही यात्री खुले आकाश के दर्शन कर सकेंगे और बाकी का सफर सुरंगों में ही गुजरेगा।
 
यह पूरी तरह से सच है कि महत्वाकांक्षी 129 किमी लंबी कटरा-काजीगुंड रेलवे लाइन में सिर्फ 24 किमी तक ही यात्री खुले आकाश के दर्शन कर सकेंगे। इस रेलवे लाइन में लगभग 105 किमी तक का सफर उन्हें सिर्फ सुरंगों में ही करना होगा।
 
वित्तीय वर्ष 2021-22 के रेल बजट में देश की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला (290 किलोमीटर) के निर्माण कार्य को तय समय यानी दिसंबर 2022 तक पूरा करने के लिए केन्द्रीय सरकार ने 4200 करोड़ रुपये की राशि को मंजूर किया है।
 
इससे पूर्व रेललाइन के निर्माण के लिए 27948.99 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित था। यानी इस रेल बजट में इस रेल लाइन के लिए 1400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान रखा गया है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल परियोजना बहुत अधिक महत्वपूर्ण परियोजना है। कश्मीर घाटी के रेलमार्ग से जुड़ जाने के बाद रेलवे अकेला माध्यम बन जाएगा जो घाटी को पूरा वर्ष शेष देश को जोड़ेगा। यही कारण है कि वर्ष 2022 में इस रेल परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया गया था।
 
उधमपुर-कटरा के बीच 25 किमी लंबी रेल लाइन पर 25 बड़े पुल, 29 छोटे पुल बनाए गए थे। इसी सेक्शन में 85 मीटर ऊंचा और 154 किलोमीटर लंबा स्टील के गार्डर वाला देश का पहला पुल भी है। उधमपुर-कटरा  सेक्शन में बनाई गई 7 सुरंगों की लंबाई 10.90 किलोमीटर है, जबकि सबसे लंबी सुरंग 3.18 किमी है।
 
उधमपुर-कटरा सेक्शन में झज्जर खड्ड में 85 मीटर ऊंचा घाट पुल है जो कुतुबमीनार से 13 मीटर ऊंचा है। जबकि कटरा से काजीगुंड तक 129 किमी लंबी रेल लाइन पर 9 स्टेशन होंगे। 36 सुरंगों का काम जारी है। सबसे लंबी सुरंग 11.17 किलोमीटर की है, जबकि 34 बड़े, 44 छोटे पुल होंगे। इनमें विश्व का सबसे ऊंचा आर्च पुल भी है।
 
रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि 129 किलोमीटर लंबे कटड़ा-काजीगुंड रेल सेक्शन में रेलवे लाइन का निर्माण कठिन परिस्थितियों में किया जा रहा है। जो कि पीर पंजाल की पहाड़ियों को चीर का बनाया जा रहा है। इस सेक्शन का 105 किलोमीटर का हिस्सा टनल और पुलों पर से होकर गुजरना है। जिसमें 62 छोटे और बड़े पुल और 35 टनल बनाई जानी है।
 
भारतीय रेलवे ने इस सेक्शन में अस्सी फीसदी के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया है। इसी रेल सेक्शन में विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब दरिया पर बन रहा है। पुल के निर्माण और इसके आकार का डिजाइन फिनलैंड और जर्मनी की दो कंपनियों से लिया है। सहायक के तौर पर ब्रिटेन की एक कंपनी ने भी इस परियोजना में अपना सहयोग दिया है। चिनाब दरिया के तल से 359 मीटर ऊंचाई पर बने इस पुल की लंबाई 1315 मीटर है, इस पुल को एक आर्क की मदद से बनाया गया है, जिसकी लंबाई 467 मीटर है।
 
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