RG Tax Incidence: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन बाद शनिवार सुबह आंशिक रूप से काम पर लौट आए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical) और अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के खिलाफ कनिष्ठ चिकित्सकों ने काम बंद कर दिया था।
कनिष्ठ चिकित्सकों ने सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में काम करना शुरू कर दिया लेकिन उन्होंने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में अब भी काम शुरू नहीं किया है। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में शामिल अनिकेत महतो ने कोलकाता में कहा कि हमने आज से काम पर लौटना शुरू कर दिया है। हमारे सहकर्मी केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में अपने-अपने विभागों में आज सुबह से काम पर लौटना शुरू कर चुके हैं, लेकिन ओपीडी में काम शुरू नहीं किया गया है। कृपया यह नहीं भूलें कि चिकित्सक केवल आंशिक रूप से काम पर लौटे हैं।
उन्होंने बताया कि उनके अन्य सहयोगी राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए पहले ही रवाना हो चुके हैं, जहां वे विरोध प्रदर्शनों के बीच भी लोगों के स्वास्थ्य को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए 'अभया क्लिनिक' (चिकित्सा शिविर) शुरू करेंगे। विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के काम पर लौट आने से आपातकालीन सेवाएं सामान्य हो गईं।
बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक मरीज दीपांकर जना ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत राहत की बात है। हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं, लेकिन चिकित्सकों के काम बंद कर देने के कारण हमारे जैसे नियमित मरीजों के लिए पिछले एक महीने से इलाज कराना बहुत मुश्किल हो गया था।
पूर्व मेदिनीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित पंसकुरा में 'अभया क्लिनिक' में मरीजों की भीड़ देखी गई। ऐसे ही एक क्लिनिक में काम करने वाली कनिष्ठ चिकित्सक अहेली चौधरी ने कहा कि हमें इन क्लिनिक में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। कई लोग क्लिनिक में आए हैं। हम चौबीसों घंटे सेवा देने के लिए तैयार हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि वे इस घटना में प्रशासन द्वारा न्याय किए जाने और राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाए जाने की अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अगले सात दिन तक इंतजार करेंगे, अन्यथा वे फिर से काम बंद करेंगे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। ये चिकित्सक तभी से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इस घटना में जान गंवाने वाली महिला चिकित्सक को न्याय मिले। उन्होंने इस मामले में प्रमुख अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उन्हें पदों से हटाने की भी मांग की है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच के सिलसिले में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने की पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के करीबी सहयोगी से की पूछताछ : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कथित करीबी एक अन्य चिकित्सक से शनिवार को पूछताछ प्रारंभ की। सीबीआई के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बिरुपक्ष बिस्वास साल्ट लेक इलाके में सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। बिस्वास को हाल ही में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने बर्दवान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से दक्षिण 24 परगना जिले के सुदूर काकद्वीप अस्पताल में स्थानांतरित किया था।
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिस्वास कथित तौर पर मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय 'उत्तर बंगाल लॉबी' का हिस्सा हैं और उन्हें नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था। उसी दिन महिला प्रशिक्षु चिकित्सक का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था।
पश्चिम बंगाल के चिकित्सक सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में तैनात चिकित्सकों और अधिकारियों के एक समूह को 'उत्तर बंगाल लॉबी' कह रहे हैं जिन्होंने कथित तौर पर छात्रों को धमकाया था। अधिकारी ने बताया कि उनसे नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में उनकी मौजूदगी के बारे में पूछताछ की जा रही है, क्योंकि उस दिन उनका वहां कोई आधिकारिक कार्यक्रम भी नहीं था, साथ ही अन्य प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं। बिस्वास और 2 अन्य चिकित्सकों - अविक डे और रंजीत साहा के खिलाफ पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में छात्रों को कथित रूप से धमकाने के आरोप में बहू बाजार पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
Edited by: Ravindra Gupta