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Written By सुरेश एस डुग्गर

क्या विंटर टूरिज्म भरपाई कर पाएगा कश्मीर को हुए नुकसान की?

क्या विंटर टूरिज्म भरपाई कर पाएगा कश्मीर को हुए नुकसान की? - Jammu Kashmir Tourism, Winter Tourism
श्रीनगर। पिछले डेढ़ साल से कश्मीर के टूरिज्म पर बुरहान वानी की मौत का जो साया मंडरा रहा है क्या वह अब हट जाएगा? क्या विंटर टूरिज्म इस डेढ़ साल में हुई क्षति की भरपाई कर पाएगा? इन सवालों के जवाब तो शायद किसी के पास नहीं हैं, लेकिन उम्मीद जरूर है कि कश्मीर में इस बार विंटर टूरिज्म को लेकर जो तैयारियां जोरशोर से की जा रही हैं, वह किसी हद तक तो भरपाई कर पाने में सक्षम होंगी।
 
वर्ष 2016 के जुलाई महीने के पहले हफ्ते में बुरहान वानी की मौत के बाद के अरसे में हजारों करोड़ की क्षति कश्मीर के उन लोगों को उठानी पड़ी है जो टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। हालांकि कुछ संख्या में पर्यटकों ने इस अरसे में कश्मीर का रुख तो किया पर वह संख्या ऊंट के मुंह में जीरे के समान थी।
 
यही कारण है कि अब सबकी निगाहें विंटर टूरिज्म पर हैं। इसकी खातिर तैयारियां जोरों पर हैं। हालांकि विंटर टूरिज्म का पूरा दारोमदार स्नोफाल पर है फिर भी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग तैयारियों को जारी रखना चाहते हैं। विंटर टूरिज्म के लिए गुलमर्ग को ही प्राथमिकता दी जा रही है क्योंकि बर्फ से होने वाले सभी खेलों के लिए गुलमर्ग ही उचित स्थान माना जाता है।
 
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, सब कुछ बर्फ पर निर्भर है। उसका कहना था कि विंटर स्पोर्टस की भी तैयारी कर ली गई है। देशभर के हजारों बर्फ प्रेमियों को न्यौता दिया जा चुका है और बर्फ के गिरने के आसार नजर आएं तो तारीखों की घोषणा भी कर दी जाएगी।
 
वैसे इस बार पर्यटन विभाग का सारा जोर दक्षिण के पर्यटकों को कश्मीर लाने पर है। इसकी खातिर दक्षिण भारत में पर्यटन विभाग द्वारा कई रोड शो किए जा चुके हैं और उन कार्यक्रमों में भी शिरकत की जा चुकी है जो पर्यटकों को कश्मीर तक खींच लाने के लिए आयोजित किए गए थे। सिर्फ दक्षिण भारत ही नहीं उन सभी स्थानों पर रोड शो आयोजित करने की भी तैयारी चल रही है जहां से लगातार पर्यटक कश्मीर का रुख करते रहे हैं।
 
इतना जरूर है कि पर्यटन विभाग से जुड़े लोग मानते हैं कि पिछले डेढ़ साल के दौरान कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को जो धक्का लगा है, उसकी भरपाई विंटर टूरिज्म के एक-दो महीने नहीं कर सकते, लेकिन वे यह आस लगाए बैठे थे कि कम से कम पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी का प्रबंध तो हो जाए जिनके भूखे मरने की नौबत आ चुकी है।
 
हालांकि नोटबंदी और जीएसटी ने भी कश्मीर के टूरिज्म को ढलान पर ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है जिससे निपटने को होटल वालों की ओर से अच्छा खासा डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है लेकिन इन सब पर सुरक्षाबलों की वह चेतावनियां भी भारी पड़ रही हैं जो कहती हैं कि कश्मीर में आने वाले दिनों में आतंकी हमलों में तेजी आ सकती है और अगर ऐसा होता है तो यह कश्मीर के पर्यटन व्यवसाय की कमर को पूरी तरह से तोड़ देगा।
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