पश्चिम बंगाल में अभी भले ही विधानसभा चुनाव में करीब छह महीने का समय बाकी बचा हुआ है लेकिन बंगाल के अभेद दुर्ग को भेदने के लिए भाजपा के चुनावी चाणक्य और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दो दिन के दौरे से चुनावी शंखनाद कर दिया है।
देश में भले ही अभी बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा हो रही हो लेकिन अमित शाह के दो दिन के बंगाल दौरे ने अचानक से बंगाल को देश की राजनीति के केंद्र में ला दिया है। मिशन बंगाल पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज राजनीतिक दलों से ज्यादा बंगाल के लोगों में चुनाव को लेकर उत्सुकता है। बंगाल के लोगों में ममता सरकार के खिलाफ एक नाराजगी है और लोग जल्द से जल्द ही ममता सरकार से आजादी चाहते थे।
गृहमंत्री ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बंगाल में ममता सरकार की विदाई तय है और भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। वहीं अमित शाह ने जरूरत पड़ने पर ममता बनर्जी के खिलाफ चेहरा लेना की बात कही है।
बंगाल विजय की 'शाह' नीति - बंगाल के गढ़ को फतह करने के लिए अमित शाह अपने दो दिन के दौरे के दौरान पार्टी के संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्थिति का फीडबैक लेने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ माइक्रो स्तर पर मंथन कर रहे है। अमित शाह पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक कर सीधे चुनावी की तैयारियों का जायजा लेने के साथ संगठन को और मजबूत करने के टिप्स दे रहे है तो दूसरी ओर विभिन्न संप्रदाय समाज और जाति के लोगों के साथ बैठक कर वोट बैंक का माइक्रो मैनेजमेंट कर रहे है।
बंगाल चुनाव में अभी जब काफी वक्त बचा है तब भाजपा की रणनीति समाज के सभी संगठनों को सीधे पार्टी से जोड़ना है। समाज के विभिन्न संगठनों के साथ बैठक कर अमित शाह यह भी बताने की कोशिश कर रहे है कि अगर बंगाल में भाजपा की सरकार आई तो पार्टी का क्या रोडमैप होगा।
हिंदू- मुस्लिम और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले बंगाल में अमित शाह समाज के वंचित वर्गों को चुनाव के केंद्र में लाने की कोशिश करते हुए अपने दो दिन के दौरे में दिखाई दिए। दौरे के पहले दिन ममता के गढ़ बांकुड़ा में आदिवासी परिवार के घर भोजन करना भी शाह की इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा है।
गृहमंत्री अमित शाह के राज्य के दो दिन के दौरे ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को जोश से भर दिया है। 'वेबदुनिया' से बातचीत में पश्चिमी बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उमेश राय कहते हैं कि अमित शाह जी का दौरा 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की रणनीति में पहला कदम है।
वेबदुनिया से बातचीत में उमेश राय कहते हैं कि दुर्भाग्य से बंगाल में अब तक हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर सियासी दल अपनी रोटियां सेंकते है,यह पहली बार हो रहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में समाज के हर वर्ग को साथ में रहकर आगे बढ़ने पर काम कर रही है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही मिशन बंगाल में जुटी भाजपा ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती आई है और लगातार हो रही राजनीतिक हिंसा से भी प्रदेश सरकार कठघरे में दिखाई दे रही है।
बंगाल के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आनंद पांडे कहते हैं कि आज बंगाल में एक बदलाव की बात कही जा रही है और वर्तमान में बंगाल में जो माहौल है वह इससे पहले कभी देखने को नहीं मिला है। सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी को भाजपा एक मौके के रूप में देख रही है और इसको किसी भी सूरत में हाथ से नहीं जाने देना चाहती है और इसी कारण गृहमंत्री का दो दिन का यह दौर बहुत महत्वपूर्ण है।
वेबदुनिया से बातचीत में आनंद पांडे कहते हैं अमित शाह का दो दिन का दौरा पूरी तरह चुनावी दौरा है और वह संगठन को एक मंत्र देने का काम कर रहे है। आज अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत गृहमंत्री अमित शाह ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना कर जिस तरह तुष्टिकरण को लेकर ममता सरकार पर हमला बोला है वह स्वाभविक तौर पर हिंदू मतदाताओं के लिए सीधा संदेश है।
भाजपा के हिंदू वोट बैंक पर नजर होने को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अच्छी तरह जानती है इसलिए उन्होंने इस बार दुर्गा पूजा पंडालों को 50 हजार रूपया और पुजारियों को भी पैसा देने जैसे फैसले भी किए है। अब जैसे-जैसै बंगाल में चुनाव करीब आता जाएगा भाजपा और टीएमसीए के दूसरे पर और अक्रामक होगी और इस बार चुनावी मुकाबला काफी रोचक देखने को मिलेगा।