अब जम्मू फ्रंटियर पर खुला मोर्चा तो 3 पाक रेंजर किए ढेर
श्रीनगर। जम्मू फ्रंटियर के आरएस पुरा सेक्टर में गुरुवार सुबह सीमा पर हुए सीजफायर के उल्लंघन और एक जवान के शहीद होने के बाद बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है। दावा किया जा रहा है कि तीन पाक रेंजरों की मौत हुई है और दो चौकियों को उड़ा दिया गया है।
सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के डीजी ने अपने बयान में कहा है कि हम पहले से बेहतर तैयार हैं और पाकिस्तान को हमारे जवाब ने अच्छा-खासा नुकसान पहुंचाया है। डीजी ने माना कि हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। तीन पाक रेंजर ढेर कर भारत ने भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। देर रात तक जारी रही गोलाबारी से सीमांत क्षेत्रों में दहशत व तनाव का माहौल है।
बीएसएफ के शहीद की पहचान 78 बटालियन के हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार व घायल नागरिक की पहचान साई दास निवास कपूरपुर, आरएसपुरा के रूप में हुई है। पाकिस्तान ने रात करीब साढ़े दस बजे आरएस पुरा सेक्टर में भारत की छह पोस्टों पर मोर्टार दागने शुरू कर दिए। पाकिस्तान ने जिन चौकियों को निशाना बनाया वे रिहायशी इलाकों के साथ सटी हैं, उनमें निक्कोवाल, सतोवाली, बाकरपुर, घराना, सुचेतगढ़, अब्दुल्लियां और कोरोटाना शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने देर शाम स्नाइपर शॉट भी मारा, जिसमें बाकरपुर पोस्ट पर तैनात बीएसएफ का हेड कांस्टेबल शहीद हो गया। बीएसएफ के जवान भी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से की जा रही इस भारी गोलाबारी की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। पाकिस्तान पहले भी ऐसा कई बार करता रहा है। ऐसे में बीएसएफ के जवान हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
बता दें कि इससे पहले तीन जनवरी को भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा में पाकिस्तान ने स्नाइपर शॉट दागा था, जिसमें बीएसएफ जवान शहीद हो गया था। भारत ने उसी रात जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 10 रेंजर ढेर कर दिए थे। बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कहा कि हमने सीमा पार हो रही गतिविधियों पर नजर रखी है और सीजफायर उल्लंघन की स्थिति में हमेशा तैयार हैं। पाकिस्तान के तीन रेंजर्स जवाबी कार्रवाई में ढेर हुए हैं और उन्हें नुकसान पहुंचा है।
गुरुवार सुबह हुई फायरिंग को लेकर उन्होंने कहा कि जिस जगह पर फायरिंग शुरू हुई उसके पास ही एक झरना भी है, संभव है कि वहां से घुसपैठ की कोशिश की जाती। हमारे जवानों ने सुनिश्चित किया कि ऐसा कुछ न हो। डीजी के इस बयान का मतलब निकाला जा सकता है कि सुबह सीमा पर हुई फायरिंग ध्यान भटकाने के लिए की गई थी, जिससे मौके का फायदा उठाकर घुसपैठ की जा सके।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ कभी शुरुआत नहीं करती, लेकिन अगर हमला हो तो जवाब देना हमें आता है। हेड कॉन्स्टेबल ए सुरेश का बलिदान बेकार नहीं जाने देंगे। बीएसएफ के अधिकारियों के मुताबिक, फायरिंग बुधवार रात 9 बजे शुरू हुई थी। खबरों की मानें तो पाकिस्तान ने अरनिया सेक्टर में भी गोले दागे और इससे कई गांवों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी तक किसी भी गांव को खाली कराने की जानकारी नहीं मिली है। सुबह फायरिंग के चलते कई स्कूल बंद करने की बात भी सामने आई थी।