2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सियासी रणभूमि सज चुकी है। सियासी रणभूमि में सेनाएं भी तैयार हो गई है। सियासी रणभूमि में एक तरफ भाजपा के नेतृत्व वाला NDA 28 दलों के साथ है तो दूसरी तरफ 26 सियासी दलों के साथ नया विपक्ष का नया गठबंधन INDIA यानि इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस है।
बेंगलुरू में दो दिन तक 26 विपक्षी दलों के नेताओं के महामंथन से नया बना INDIA क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या 38 दलों के वाले NDA को हैट्रिक लगाने से रोक पाएगा, अब यह सवाल सियासी गलियारों में पूछा जाना लगाया है। सवाल यह भी है कि विपक्ष का नया गठबंधन क्या नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से रोक पाएगा। सवाल यह भी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 26 विपक्षी दलों में कौन-कौन शामिल है और यह जमीनी तौर पर कितना शक्तिशाली है।
INDIA में शामिल सियासी दल- बेंगलुरु में विपक्षी दलों की हुई बैठक में कांग्रेस सहित 26 राजनीतिक दल शामिल हुए। जिनके नाम निम्न है...
1. कांग्रेस 2. आम आदमी पार्टी 3. डीएमके 4. तृणमूल कांग्रेस 5. जेडीयू 6. आरजेडी 7. झारखंड मुक्ति मोर्चा 8. समाजवादी पार्टी 9. एनसीपी (शरद पवार गुट) 10. शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) 11. सीपीएम 12. सीपीआई 13. सीपीआई एमएल 14. नेशनल कांफ्रेंस 15. पीडीपी 16. आरएलडी 17. अपना दल (के) 18. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 19. केरल कांग्रेस (जोसेफ) 20. केरल कांग्रेस (मणि) 21. आरएसपी 22. एमडीएमके 23. केडीएमके 24. वीसीके 25. एमएमके 26. फॉरवर्ड ब्लॉक
NDA के सामने कितना ताकतवर INDIA?-देश के सियासी इतिहास में विपक्ष का बना नया गठबंधन INDIA यानि इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस क्या भारतीय राजनीति में 1977 और 1989 का इतिहास दोहरा पाएगा, यह सवाल भी खड़ा हो गया है। दरअसल विपक्ष के इस नए गठबंधन में कांग्रेस के साथ कई ऐसे क्षेत्रीय क्षत्रप मौजूद है जिन्होंने अकेले दम पर अपने दम पर अपने राज्यों में मोदी मैजिक को रोक रखा है। इनमें अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और हेमंत सेरोन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा शामिल है।
आम आदमी पार्टी (AAP)-विपक्ष के महागठबंधन में शामिल अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है और वह राष्ट्रीय राजनीतिक दल की हैसियत रखती है। आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के साथ गोवा और गुजरात विधानसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हुआ था। इसके साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ औ राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा के लिए आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में जुटी है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है और अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति में एक राष्ट्रीय चेहार बन चुके है। ऐसे में वह अब विपक्ष के नए गठबंधन INDIA में एक बड़ी भूमिका में नजर आएंगे।
जनता दल यूनाइटेड (JDU)-26 विपक्षी दलों के बने इस महागठबंधन के सूत्र जनता दल (यूनाइडेट) के नेता नीतीश कुमार एक समन्वयक के रूप में नजर आ रहे है। नीतीश कुमार जो एक समय में एनडीए के सबसे विश्वस्त सहयोगी के रूप में नजर आते थे और मोदी विरीधी राजनीति के प्रमुख सूत्रधार है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ओबीसी राजनीति का एक बड़ा चेहरा है और बिहार के साथ-साथ झारखंड में भी उनका अपना एक अलग प्रभाव है। वर्तमान में जेडीयू की लोकसभा में 16 सीटें है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)-नीतीश कुमार के साथ बिहार की सत्ता में भागीदारी करने वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और उसके नेता लालू प्रसाद यादव मोदी विरोधी राजनीति के प्रमुख चेहरा है। बिहार में 2019 के विधानसभा चुनाव में लालू की पार्टी ने अपने दम पर राज्य में मोदी मैजिक को रोक दिया था। ऐसे में अब 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार जहां से 40 लोकसभा चुनाव आते है, उसकी बड़ी भूमिका होगी।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)-महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रभावी भूमिका निभाने वाली उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना राज्य में दलबदल के खेल से पहले सत्ता में काबिज थी। लोकसभा के लिए महाराष्ट्र 48 सांसद चुन कर आते है, ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की बड़ी भूमिका होगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)–शिवसेना के साथ विपक्षी दलों के इस गठबंधन में महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े सियासी क्षत्रप शरद पवार भी शामिल है। विपक्ष के इस महागठबंधन में शरद पवार सियासी चाणक्य की भूमिका निभा सकते है। हलांकि शरद पवार इन दिनों अपनी पार्टी में बगावत से जूझ रहे है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC)- INDIA में शामिल ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अपने अकेले दम पर मोदी लहर को पिछले विधानसभा चुनाव में रोककर सत्ता में प्रचंड जीत के साथा वापसी की थी। ऐसे में जब पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें है और 2019 रके लोकसभा चुनाव में ममता पार्टी की पार्टी 22 सीटें जीतकर साबित कर दिया था कि वह राज्य में बड़ी सियासी ताकत है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)- शिबू सोरेन के नेतृत्व वाला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी विपक्षी दलों के गठबंधन में अहम भागीदारी निभा रहे है। झारखंड के मुख्यमंत्री हमेंत सोरेन बेंगलुरू में हुई एनडीए की बैठक में शामिल हुए और आगे भी साथ रहने का एलान किया।
समाजवादी पार्टी-विपक्षी दलों के इस महागठबंधन में समाजवादी पार्टी भी एक प्रमुख हिस्सेदारी रख रही है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल है और उसका अपना एक बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश की अगुवाई में विपक्षी दलों का गठबंधन मोदी को देश के सबसे बड़े सूबे में रोकने के लिए पूरी ताकत के साथ उतरेगा।
राष्ट्रीय लोक दल-समाजवादी पार्टी के साथ उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल विपक्षी गठबंधन में शामिल है। राष्ट्रीय लोकदल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी एक पकड़ है और बेंगलुरु की बैठक में शामिल हुए जयंत चौधरी ने पूरी ताकत के साथ 2024 की लड़ाई में विपक्ष का साथ देने की हुंकार भरी है।
द्रमुक मुनेत्र कड़गम (DMK)- तमिलनाडु की राजनीति में प्रमुख भूमिका रखने वाली डीएमके 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मिशन दक्षिण को रोकने में विपक्ष की ओर से अहम भूमिका निभा सकती है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी-26 दलों के विपक्ष के इस महागठबंधन में जम्मू कश्मीर की राजनीति की दो प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी एक साथ नजर आ रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में भाजपा का मुकाबला राज्य में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार से होना तय है।
INDIA की अगुवाई करेगी कांग्रेस-26 दलों के विपक्ष के महागठबंधन की बेंगलुरू में हुई बैठक में कांग्रेस पूरे गठबंधन का नेतृत्व करती हुई नजर आ रही है। बैठक के बाद बताया गया कि महागठबंधन का नया नाम INDIA भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में रखा। बैठक के बाद जिस तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरी बैठक का ब्योरा रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला बोला वह आने वाले दिनों महागठबंधन के नेतृत्व की ओर साफ संकेत देता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस की जीत हुई, उसके अब कांग्रेस नए गठबंधन की अगुवाई कर 2024 के चुनाव के लिए मोदी के चेहरे को चुनौती देने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रही है।