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Last Modified: शनिवार, 6 अगस्त 2022 (01:12 IST)

India China Talks : सैन्य वार्ता में भारत ने चीनी वायुसेना की गतिविधियों पर जताई आपत्ति

India China Talks : सैन्य वार्ता में भारत ने चीनी वायुसेना की गतिविधियों पर जताई आपत्ति - India objected to the activities of the Chinese Air Force in military talks
नई दिल्ली। भारत ने चीन को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब चीनी लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने की घटनाओं पर अपनी चिंताओं से दृढ़ता से अवगत कराया है। 2 अगस्त को विशेष दौर की सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने चीन के सामने अपनी चिंता रखी। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीनी लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने के एक महीने बाद विशेष दौर की यह बातचीत हुई।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो अगस्त को विशेष दौर की सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने चीन के सामने अपनी चिंता रखी। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर हुई बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एलएसी के दोनों तरफ 10 किमी तक उड़ान गतिविधियां नहीं करने पर जोर दिया।

सूत्रों ने बताया कि एयर कमोडोर और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की भारतीय टीम ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए विश्वास बहाली के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया। चीनी टीम ने भी अपनी वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया था।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीनी लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने के एक महीने बाद विशेष दौर की यह बातचीत हुई। चीनी लड़ाकू विमान के एलएसी के करीब उड़ान भरने के बाद भारतीय वायुसेना ने भी जेट विमानों को उड़ाया था।

जून के अंतिम सप्ताह में एक चीनी जे-11 लड़ाकू विमान ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब उड़ान भरी, जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं की खबरें आई थीं।

कोर कमांडर स्तर की वार्ता का अंतिम दौर पिछले महीने हुआ था, लेकिन यह कोई ठोस नतीजा हासिल करने में विफल रहा। विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाली में अपने चीनी समकक्ष वांग ई से मुलाकात के 10 दिन बाद 16वें दौर की यह सैन्य वार्ता हुई।

जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग के सामने पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी।

हालांकि सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट और गोगरा क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी की, लेकिन एलएसी पर भारत-चीन के अब भी 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।(भाषा) 
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