रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 4 अक्टूबर को दो दिन की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति की इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान अन्य मुद्दों पर बातचीत के साथ ही साथ एस-400 (S-400) मिसाइल सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है।
खबरों की मानें तो 5 अक्टूबर को 5 अरब डॉलर के इस खरीद समझौते पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर हो सकते हैं। भारत और रूस के बीच होने वाले इस समझौते से अमेरिका और पाकिस्तान भी झल्लाए हुए हैं। अमेरिका की नाराजगी के बाद भी भारत, रूस से यह सौदा कर रहा है। आइए जानते हैं क्या S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम। जानें क्या हैं इसकी खूबियां-
- यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है।
- रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम को सबसे अच्छा मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है।
- रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने इसे विकसित किया है।
- जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस इस सिस्टम को नाटो देशों ने SA-21 ग्रोलर नाम दिया है।
- यह मिसाइल सिस्टम S-300 सीरीज का एडवांस वर्जन है।
- इसे 1990 के दशक में विकसित किया गया था।
- 'द इकोनॉमिस्ट' ने इसे दुनिया का बेहतरीन मिसाइल सिस्टम बताया था।
- रूस ने इसका पहली बार इस्तेमाल 2007 में किया था।
- 400 किमी की रेंज में एकसाथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है।
- इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है।
- अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एकसाथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।
- इसकी मारक क्षमता अचूक है, क्योंकि यह एकसाथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।
- साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है। कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं, क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से अच्छा माना जाता है।
- रूस के साथ S-400 डील होने के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश होगा जिसके पास यह मिसाइल सिस्टम है। इसके पहले चीन और तुर्की के साथ रूस यह डील कर चुका है।
- S-400 ट्रायम्फ मिसाइल एकसाथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका द्वारा बनाए गए एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को भी निशाना बना सकता है।