सोमवार, 21 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India China Tension
Written By
Last Updated : गुरुवार, 10 सितम्बर 2020 (07:25 IST)

भारतीय, चीनी सेना के कमांडरों ने तनाव घटाने के लिए किया 'हॉटलाइन' का इस्तेमाल किया

भारतीय, चीनी सेना के कमांडरों ने तनाव घटाने के लिए  किया 'हॉटलाइन' का इस्तेमाल किया - India China Tension
नई दिल्ली। भारत (India) और चीन (China) की थल सेनाओं के कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में मुलाकात की। उन्होंने, सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ने से रोकने के तरीके तलाशने को लेकर ‘हॉटलाइन’ पर संदेशों का आदान-प्रदान भी किया। मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से इतर भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली एक अहम बैठक की पूर्व संध्या पर यह पहल की गई।
 
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति ‘तनावपूर्ण’ बनी हुई है और चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के 30-40 सैनिक पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रीजलाइन में एक भारतीय चौकी के नजदीक एक स्थान पर जमे हुए हैं।
 
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच गुरुवार को बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर से आमना-सामना होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव काफी ज्यादा तनाव बढ़ जाने की पृष्ठभूमि में यह वार्ता होगी। जयशंकर और वांग एससीओ बैठक में शामिल होने के लिए मास्को में हैं।
द्विपक्षीय वार्ता के अलावा, दोनों नेताओं के रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की दोपहर के भोज के दौरान बैठक करने की भी उम्मीद है। रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग दोपहर भोज के दौरान एक बैठक करेंगे। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
 
जयशंकर और वांग के बीच द्विपक्षीय वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने के लिए कोई महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि 2 दिन पहले ही दोनों देशों ने एक दूसरे पर टकराव की नवीनतम घटना में हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था। यह 45 साल के अंतराल के बाद एलएसी पर गोलियों चलने का पहला मामला है।
 
जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष और एससीओ के मेजबान सर्गेई लावरोव के साथ एक बैठक की, जिसके बाद विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी बातचीत शानदार रही और उन्होंने द्विपक्षीय रणनीति संबंधों पर चर्चा की तथा अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कहा था कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के पास 7 सितंबर की शाम भारतीय मोर्चे के नजदीक आने की कोशिश की और हवा में गोलियां चलाईं।

थल सेना ने एक बयान में यह कहा। इससे पहले सोमवार देर रात पीएलए ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास चेतावनी देने वाली गोलियां चलाई। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही के बीच एससीओ बैठक से अलग मास्को में पिछले शुक्रवार को बैठक हुइ थी , लेकिन संभवत: उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
 
सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत भारत और चीन की सेनाओं के बीच एलएसी से लगे एक अग्रिम स्थान पर हुई है, जिसका लक्ष्य तनाव को और अधिक बढ़ने से रोकना और सीमा के प्रबंधन को लेकर निर्धारित प्रोटोकॉल को लागू करने पर ध्यान देने के लिए तरीके तलाशना था।
 
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने हॉटलाइन पर भी संदेशों का आदान-प्रदान किया और यहां तक कि दोनों सेनाओं के कमांडिंग अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में थे। सूत्रों ने कहा कि हालांकि, क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, सोमवार की घटना के बाद दोनों पक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।
इस ताजा घटना को 1975 में हुई गोलीबारी की घटना जैसा गंभीर माना जा रहा है। 1996 और 2005 में हुए समझौते के प्रावधानों के मुताबिक दोनों पक्ष किसी टकराव के दौरान बंदूकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
 
सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पूर्वी लद्दाख में मुखपारी क्षेत्र स्थित एक भारतीय चौकी की ओर सोमवार शाम आक्रामक तरीके से बढ़ने का प्रयास करने वाले चीनी सैनिकों ने छड़, भाले, रॉड आदि हथियार ले रखे थे।उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद से एलएसी पर तनाव काफी बढ़ गया।
ये भी पढ़ें
इनकम टैक्स विभाग ने 27.55 लाख करदाताओं को 1.01 लाख करोड़ का रिफंड किया जारी