दुग्ध उत्पादन में भारत सबसे आगे, वर्ल्ड डेयरी समिट में पीएम मोदी ने कही ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वर्ल्ड डेयरी समिट का ग्रेटर नोएडा में उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कई अहम बातें कही। करीब 48 साल के बाद भारत को इस समिट की मेजबानी करने का मौका मिला है।
चार दिवसीय कार्यक्रम में दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। देश-विदेश के 156 विशेषज्ञ इस सम्मलेन को संबोधित करेंगे। इससे किसानों को अत्याधुनिक जानकारी मिल सकेगी। समिट को संबोधित करते हुए पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने संबोधित किया। उनके उद्घाटन संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट का उद्घाटन किया। शुरुआत में पीएम मोदी ने एक शॉर्ट फिल्म भी जारी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड डेयरी समिट को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र में भारत के दबदबे का उल्लेख किया। इससे पहले पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने बताया कि 4 दिवसीय इस वैश्विक सम्मेलन में कुल 24 सेशन होंगे और जिन्हें 156 विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने समिट के पहले दिन अपने संबोधन में बताया कि दुनिया भर में डेयरी सेक्टर 2 फीसद की रफ्तार से बढ़ रहा है, जबकि भारत में यह सेक्टर 6 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। उन्होंने इस सेक्टर में महिलाओं की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डेयरी सेक्टर में काम करने वाले कुल वर्कफोर्स में 74 फीसद महिलाएं हैं।
बता दें कि इस समिट में दुनिया के और भारतीय डेयरी से जुड़े लोग हिस्सा लेंगे। इसके अलावा कार्य़क्रम में उद्योग जगत के लीडर, विशेषज्ञ, किसान और नीति निर्माता भी हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन 'पोषण और आजीविका के लिए डेयरी' विषय पर केंद्रित है।
जानकारी के मुताबिक आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में 50 देशों के करीब 1500 प्रतिभागियों के भाग लेंगे। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि इस तरह का आयोजन भारत में करीब 50 साल के बाद हो रहा है। इससे पहले ऐसा सम्मेलन 1974 में आयोजित किया गया था।
भारतीय डेयरी के बारे में कहा जाता है कि यह छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर, सरकार ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है।
आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 के इस आयोजन में भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता की कहानी भी दिखाई जाएगी। भारत की वैश्विक दूध में 23 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत में सालाना करीब 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है और इससे 8 करोड़ डेयरी किसान सशक्त और आत्मनिर्भर हो रहे हैं। इस सम्मेलन से भारतीय डेयरी किसानों को दुनिया की सर्वोत्तम टेक्नोलॉजी, सिस्टम आदि के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा. इस कार्य़क्रम को लेकर सकार काफी दिनों से तैयारी कर रही थी।