Story of Jawaharlal Nehru Edwina Mountbatten relationship: भारत के पहले जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच एक गहरा और आत्मीय रिश्ता था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बने इस रिश्ते को लेकर कुछ लोग नेहरू की आलोचना भी करते हैं। इस रिश्ते का जिक्र कई लेखकों ने अपनी पुस्तकों में किया है। एडविना की बेटी पॉमेला माउंटबेटन ने भी अपनी किताब में इस रिश्ते को लेकर खुलासा किया है।
कैसे हुई इस चर्चित रिश्ते की शुरुआत : जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन के बीच का रिश्ता भारत के इतिहास के अनछुए पहलुओं में से एक है। ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के भारत आगमन के बाद से ही एडविना और नेहरू की मुलाकातों का सिलसिला शुरू हुआ था। यह रिश्ता तब तक कायम रहा, जब तक नेहरू जीवित रहे। दोनों के बीच निरंतर पत्राचार होता था और एडविना भी अक्सर भारत आती रहीं।
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प्रेम, दोस्ती या आत्मीयता? : एडविना की बेटी पामेला माउंटबेटन के मुताबिक, 'वो प्यार में थे'। नेहरू और एडविना के रिश्ते को पामेला ने इस प्रेम को शारीरिकता से परे और केवल गहरी भावनाओं का संगम बताया। इस तरह का रिश्ता समझ पाना कई लोगों के लिए कठिन हो सकता है, क्योंकि दोनों के जीवन में भावनात्मक खालीपन था, जिसे उन्होंने एक-दूसरे के साथ साझा किया।
एक दूसरे के बने रहे करीब : भारत की स्वतंत्रता के बाद भी नेहरू और एडविना का यह आत्मीय रिश्ता और भी प्रगाढ़ होता गया। दोनों एक-दूसरे को निरंतर पत्र लिखते रहे और हर साल एडविना भारत आती रहीं। जब नेहरू इंग्लैंड जाते तो उनके हैंपशायर स्थित एस्टेट में रहते। एडविना के निधन के बाद उनकी बेटी ने उनके पत्रों को पढ़ा और उन्हें 'परिपक्वता से लिखे गए पत्र' बताया।
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अन्य महिलाओं के साथ भी नेहरू की निकटता रही : नेहरू की अन्य महिलाओं से मित्रता को लेकर भी चर्चा होती रही है। जवाहरलाल नेहरू का महिलाओं के प्रति गहरा आकर्षण हमेशा चर्चाओं का विषय रहा है। सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा, नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई और अन्य महिलाएं नेहरू की अच्छी दोस्त थीं। यह भी कहा जाता है कि एक बार पद्मजा ने गुस्से में एडविना की तस्वीर तक फेंक दी थी, लेकिन बाद में एडविना और पद्मजा के बीच दोस्ती हो गई।
यूं तो नेहरू की कई महिला मित्र रहीं, लेकिन सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा और प्रसिद्ध नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई उनकी करीबी मित्र थीं। इस संबंध में नेहरू के सचिव केएफ रूस्तमजी की डायरी और उनके सचिव एमओ मथाई की किताब 'रिमिनिसेंस ऑफ नेहरू' में भी इस बात संकेत मिलते हैं।
मथाई की किताब का विवादित अध्याय : नेहरू के सचिव एमओ मथाई ने 'रिमिनिसेंस ऑफ नेहरू' में नेहरू के जीवन में महिलाओं के प्रभाव का वर्णन किया है। मथाई ने एक विशेष अध्याय में नेहरू की महिला मित्रों का उल्लेख किया था, जिसे बाद में उन्होंने खुद ही प्रकाशित होने से रोक दिया। इसी तरह, खुशवंत सिंह ने भी अपनी किताब में एक महिला 'श्रद्धा माता' के साथ नेहरू के संपर्क का संकेत दिया था, जिनके साथ नेहरू के कुछ पत्राचार भी रहे हैं।
नेहरू के रिश्तों पर आधारित किताबें जैसे 'इंडियन समर : द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ द एंड ऑफ एन एम्पायर' ने उनके निजी जीवन और महिला मित्रताओं पर रोशनी डाली है। टेजमन के अनुसार, नेहरू महिलाओं के बीच लोकप्रिय थे और उन्हें बौद्धिक महिलाओं का साथ पसंद था।
हालांकि नेहरू के संबंधों को इतिहासकारों और लेखकों ने अलग-अलग नजरिए से देखा है। उनका कहना है कि नेहरू का रूमानी व्यक्तित्व उनकी करिश्माई छवि का हिस्सा था। माना जाता है कि यह केवल प्रेम का नहीं बल्कि दोस्ती और भावनात्मक जुड़ाव का अनोखा उदाहरण था।