हनीट्रैप में फंसा सेना का एक और जवान, पाकिस्तान को भेजता था खुफिया जानकारी
इंदौर। सोशल मीडिया पर हुस्न के जाल में फंसकर सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं साझा करने के आरोप में फौज के 28 वर्षीय क्लर्क को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। यह सैन्य कर्मी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में पदस्थ है।
प्रदेश पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार सैन्य कर्मी के बारे में सुराग मिले हैं कि वह फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों के जरिये एक महिला को कथित तौर पर सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं लम्बे समय से भेज रहा था। भारतीय खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि ये सूचनाएं पाकिस्तान तक पहुंच रही थीं और इन्हें हासिल करने के बदले धन भी दिया गया था। गिरफ्तार सैन्य कर्मी के सोशल मीडिया खातों की जांच की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भोपाल के एक पुलिस थाने में सम्बद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। विस्तृत जांच जारी है।
आरोपी जवान की गतिविधियों से हरकत में आई इंटेलिजेंस एजेंसी ने जांच शुरू की। उसकी हर हरकत पर नजर रखी गई। करीब एक महीने की निगरानी के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे मध्य प्रदेश पुलिस की एटीएस टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
क्या होता है हनी ट्रैप : हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल। यह एक ऐसा मीठा जाल है जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कब और कैसे इसमें फंस गया। एक प्लानिंग के साथ खूबसूरत महिला एजेंट्स सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी अक्सर भारतीय सेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है।