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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 14 जनवरी 2018 (11:40 IST)

गगनचुंबी इमारतें बनाने में भारत अभी पीछे, यह देश है सबसे आगे...

गगनचुंबी इमारतें बनाने में भारत अभी पीछे, यह देश है सबसे आगे... - High rise building in India
नई दिल्ली। देश के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी ऊंची-ऊंची इमारतों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन 200 मीटर से अधिक ऊंचाई की गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में भारत अभी पीछे है। दुनिया में पिछले वर्ष बनी कुल गगनचुंबी इमारतों में से आधी से अधिक चीन में बनकर तैयार हुईं।
 
पिछले वर्ष (2017) दुनिया में 200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 144 इमारतें बनकर तैयार हुईं। इनमें से मात्र 3 भारत की हैं। देश की ये तीनों इमारतें मुंबई में बनी हैं जिनमें से 1की अधिकतम ऊंचाई 266 मीटर या 873 फुट है। फिलहाल यह देश की सबसे ऊंची इमारत है। तीनों इमारतें रिहायशी इस्तेमाल के लिए बनाई गई हैं।
 
काउंसिल ऑन टॉल बिल्डिंग एंड अर्बन हैबिटेट के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष विश्व के 23 देशों में 144 गगनचुंबी इमारतें बनकर पूरी हुईं। इन्हें मिलाकर दुनिया में ऐसी इमारतों की संख्या 1319 हो गई है। भारत में ऐसी मात्र 6 इमारतें हैं। देश में 2010 में पहली बार 200 मीटर ऊंचाई की 2 इमारतें बनकर तैयार हुई थीं। वर्ष 2015 में इनकी संख्या 3 हुई जबकि पिछले वर्ष इसमें 3 का और इजाफा हुआ।
 
इस तरह की इमारतें बनाने में एशिया दुनिया में सबसे आगे है, जहां पिछले वर्ष कुल 109 गगनचुंबी इमारतें बनकर तैयार हुईं। एशिया के आगे होने में चीन का बहुत बड़ा हाथ है, जहां पिछले वर्ष 200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 76 इमारतों का निर्माण पूरा हुआ। दुनिया में पिछले वर्ष बनी कुल गगनचुंबी इमारतों में से आधी से अधिक चीन में बनकर तैयार हुईं।
 
चीन पिछले 10 वर्ष से लगातार इस मामले में विश्व का नंबर 1 देश बना हुआ है। पिछले वर्ष अमेरिका 10 इमारतों के साथ दूसरे तथा दक्षिण कोरिया 7 इमारतों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। कनाडा और इंडोनेशिया में 5-5 तथा मलेशिया, उत्तर कोरिया, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात में 4-4 इमारतें पिछले वर्ष बनकर तैयार हुईं।
 
काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार तेजी से बढ़ते शहरीकरण के चलते इस तरह की इमारतों का निर्माण अब केवल प्रमुख वाणिज्यिक और व्यावसायिक शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। पिछले 4 वर्षों में इनकी संख्या दोगुना बढ़ी है तथा नए-नए शहरों में इनका निर्माण हो रहा है। पिछले वर्ष 23 देशों के 69 शहरों में ऐसी इमारतें बनकर तैयार हुईं। 13 शहरों में पहली बार 200 मीटर से अधिक ऊंची इमारतें बनकर खड़ी हुईं जबकि 28 शहरों में नई ऊंचाई की इमारत तैयार हुई।
 
शहरों की बात करें तो चीन के शेनजेन में पिछले वर्ष इस तरह की 12 इमारतें बनीं जितनी कि चीन के अलावा किसी अन्य देश में नहीं बनी। पिछले वर्ष बनकर तैयार हुई सबसे ऊंची इमारत भी इसी शहर में है जिसकी ऊंचाई 599 मीटर है। यह दुनिया की चौथी सबसे ऊंची इमारत है।
 
इस समय दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा है जिसकी ऊंचाई 828 मीटर है। चीन के ही नैनिंग में 200 मीटर से अधिक ऊंची 7 इमारतें गत वर्ष बनकर तैयार हुईं जबकि चेंगदू और जकार्ता में इस तरह की 5-5 इमारतें पूरी हुईं।
 
रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न देशों के चल रहे निर्माण कार्यों को देखते हुए ऐसी इमारतों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होगी। ऐसी इमारतों के निर्माण में चीन और एशिया भले भी आगे हों लेकिन आने वाले वर्षों में इसमें बदलाव दिखलाई देगा।
 
भारत, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में ऐसी इमारतों के निर्माण में तेजी आती दिख रही है। भारत में इस समय 34 गगनचुंबी इमारतों का निर्माण चल रहा है जिनमें से 4 गुना 300 मीटर तथा 104 मीटर से अधिक ऊंचाई की होंगी। इनमें से 14 के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है। (वार्ता)
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