GST काउंसिल बैठक की बड़ी बातें, दवाओं पर राहत, पेट्रोल डीजल पर उम्मीदें टूटीं
नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल (GST) की 45वीं बैठक में दवाइयों पर राहत दी गई, वहीं पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की उम्मीदें एक बार फिर टूट गईं। बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा हुई।
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जीएसटी परिषद ने माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिए राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट दी।
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कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया।
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खबर सीतारमण जीएसटी
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कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर तक बढ़ाया।
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जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।
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विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगेगा।
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जीएसटी परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे को ठीक करने को लेकर सहमति जताई।
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डीजल में मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया।
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वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों का एक समूह दरों को तर्कसंगत बनाए जाने संबंधी मुद्दों पर गौर करेगा और दो माह में अपनी सिफारिशें देगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू रियायती जीएसटी दरों का समय 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है।
परिषद द्वारा किए गए एक अन्य फैसले में कहा गया है कि स्विगी और जोमैटो जैसी ई-वाणिज्य इकाइयां उनके जरिए आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवा पर जीएसटी का भुगतान करेंगी, यह कर डिलिवरी बिंदु पर वसूला जाएगा।