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Last Updated : शनिवार, 11 नवंबर 2017 (00:33 IST)

खुशखबर, 213 वस्तुएं सस्ती, रेस्टोरेंट में खाना भी सस्ता

खुशखबर, 213 वस्तुएं सस्ती, रेस्टोरेंट में खाना भी सस्ता - GST,  finance minister, Arun Jaitley
गुवाहाटी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुये 28 फीसदी के स्लैब में शामिल 180 वस्तुओं समेत कुल 213 उत्पादों पर जीएसटी की दर घटाने के साथ ही अब सभी रेस्त्रां में एक समान पांच फीसदी जीएसटी करने का निर्णय लिया है। ये सारे बदलाव अधिसूचना जारी होने के बाद 15 नवंबर से लागू होने की उम्मीद है। 
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई परिषद की 23वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि लक्जरी उत्पादों के साथ सीमेंट और पेंट आदि सहित मात्र 48 वस्तु ही अब 28 फीसदी कर के दायरे में रह गए हैं। पहले 228 वस्तुएं इसमें शामिल थीं।
 
उन्होंने बताया कि 178 उत्पादों पर कर की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी और दो उत्पादों पर 28 फीसदी से घटाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही 13 उत्पादों को 18 प्रतिशत के स्लैब से से 12 प्रतिशत, छह उत्पादों को 18 प्रतिशत से पांच प्रतिशत और आठ उत्पादों को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत के दायरे में लाया जाएगा। छह उत्पादों पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से हटाकर शून्य प्रतिशत के दायरे में रखने का निर्णय लिया गया है।
 
 
वित्तमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सभी प्रकार के स्टार श्रेणी के होटलों में बने रेस्त्रांओं को छोड़कर अन्य सभी रेस्त्रां में लगने वाली जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। लेकिन, अब इन रेस्त्रांओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। 
 
उन्होंने कहा कि 7,500 रुपए से अधिक के दैनिक कमरे किराए वाले स्टार श्रेणी के होटलों के रेस्त्रां में 18 फीसदी ही कर लगेगा, लेकिन इस पर होटलों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।


जेटली ने कहा कि परिषद की पिछली तीन बैठकों में जीएसटी को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया गया है। इसी क्रम में पहले की कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दर में कमी की गई थी और आज परिषद ने कुल मिलाकर 213 वस्तुओं पर कर की दर में कमी लाने का निर्णय लिया है।
 
 
उन्होंने कहा कि शुरुआत में सभी वस्तुओं पर जीएसटी से पूर्व लग रहे करों के आधार पर जीएसटी दर तय की गई थी। कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनको 28 फीसदी के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए था, लेकिन पहले उस पर अधिक कर लगाए जाने की वजह से ऐसा हो गया था। छोटे स्तर पर बनाए जाने वाले भी कुछ उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा था, लेकिन पहले उत्पाद शुल्क में छूट मिलने की वजह उन पर प्रभावी कर दर कम हो जाया करती थी।
 
 
उन्होंने कहा कि रेस्त्रां ग्राहकों से 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं, लेकिन उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर सभी प्रकार के एसी तथा नॉन एसी रेस्त्रां में जीएसटी को कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है और अब उनको इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि आउटडोर कैटरिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, लेकिन इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।