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Last Modified: इंदौर , बुधवार, 20 जून 2018 (22:02 IST)

तीन साल बाद फिर होगा गीता का डीएनए टेस्ट

तीन साल बाद फिर होगा गीता का डीएनए टेस्ट - Geeta Pakistan DNA Test Silent-Blind Girl Pakistan
इंदौर। पाकिस्तान से 2015 में भारत लौटने वाली मूक-बधिर युवती गीता का सरकार नए सिरे से डीएनए टेस्ट करा रही है। इसके लिए उसके खून का नमूना हैदराबाद की एक प्रतिष्ठित प्रयोगशाला को भेजा गया है। यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है, जब गीता के जैविक माता-पिता की तलाश के महत्वाकांक्षी अभियान में सरकार को फिलहाल सफलता नहीं मिल सकी है।

इस बीच मूक-बधिर लड़की की इच्छा के मुताबिक उसके लिए योग्य वर की तलाश भी की जा रही है। मध्यप्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जिला प्रशासन ने विदेश मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक गीता के खून का नमूना हैदराबाद के कोशिकीय एवं आण्विक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) भेजा है, जहां इसके आधार पर उसका नए सिरे से डीएनए टेस्ट किया जाएगा।

अधिकारी ने हालांकि इस बारे में खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तान से गीता के भारत लौटने के करीब तीन साल बाद नए सिरे से उसका डीएनए टेस्ट कराने की भला क्या जरूरत आन पड़ी थी। उन्होंने कहा कि हमने विदेश मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए गीता के खून का नमूना डीएनए टेस्ट के लिए सीसीएमबी भेजा है। हमें इसकी वजह के बारे में जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि दिल्ली की एक प्रयोगशाला में गीता का डीएनए नमूना पहले से ही सुरक्षित है। अक्टूबर 2015 में इस मूक-बधिर युवती के भारत लौटने के बाद देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार उसे अपनी लापता बेटी बता चुके हैं लेकिन जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस लड़की पर वल्दियत का दावा अब तक साबित नहीं हो सका है।
 
अधिकारी ने बताया कि गुजरे तीन सालों में जिन परिवारों ने इंदौर पहुंचकर गीता के जैविक माता-पिता होने का दावा किया, उनके रक्त के नमूने डीएनए मिलान के लिए जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली की प्रयोगशाला भेजे जाते रहे हैं।

उन्होंने बताया कि गीता की शादी के सिलसिले में पखवाड़े भर पहले देश के अलग-अलग हिस्सों के छ: लोगों से यहां उसकी मुलाकात कराई गई थी, लेकिन उसने अब तक इनमें से किसी के साथ विवाह के लिए सहमति जाहिर नहीं की है। गीता से मिल चुके ये लोग उन चुनिंदा व्यक्तियों में शामिल हैं, जिन्होंने फेसबुक पर वैवाहिक विज्ञापन देखने के बाद इस युवती के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जताई है।
गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था 'मूक-बधिर संगठन' के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर में रह रही है। वह सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह मूक-बधिर लड़की गीता भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के चलते 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौटी थी।
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