केरल में बाढ़ से राहत, पुनर्वास बना सरकार के लिए चुनौती, बाढ़ में 400 लोगों की मौत
केंद्र सरकार ने केरल की विनाशकारी बाढ़ को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित किया है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 'केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है।
राज्य में आठ अगस्त के बाद से मानसून के दूसरे चरण में भारी बारिश और बाढ़ के चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 223 पर पहुंच गई है। केरल के कई इलाकों में बाढ़ के कारण प्रभावित हुई रेल सेवा दोबारा शुरू हो गई है। केरल सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केरल को राष्ट्रीय आपदा घोषित ना करने से राज्य को केंद्र से अधिक वित्तीय और अन्य सहायता नहीं मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि विभिन्न वर्गों से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई। उन्होंने कहा, हमारी भी यही मांग है लेकिन केंद्र ने ऐसी घोषणा करने में कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला दिया है। अब हमें कुल नुकसान का आकलन करने और केंद्र से इसके बराबर मदद मांगने की जरुरत है।
उन्होंने कहा, प्राथमिक आकलन के अनुसार, राज्य को अभी तक करीब 20000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य को हरसंभव मदद दी है। केरल को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से 210 करोड़ रुपए मिले हैं और 160 करोड़ रुपए का वादा किया गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने बताया कि सरकार 29 अगस्त को उन मछुआरों को सम्मानित करेगी जिन्होंने बचाव अभियान में भाग लिया। कई स्थानों पर जल स्तर कम होने के साथ ही लोगों ने अपने घर लौटना और सफाई अभियान शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने भी उन्हें सफाई की किट बांटने का फैसला किया है।
राज्य में 10 लाख से अधिक लोग इस समय 3274 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। डूब रहे कुल 602 लोगों को बचा लिया गया है। सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों का बचाव अभियान जारी है। सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1500 सैन्यकर्मी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मकानों का मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि उन्हें रहने लायक बनाया जा सके।
विजयन ने कहा कि केरल अत्यधिक शक्ति के साथ विनाशकारी बाढ़ से उबरने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। सोशल मीडिया पर सरकार के राहत प्रयासों की निंदा करने वाले कुछ संदेशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी फेसबुक पोस्ट में किसी ने हमें नीचा दिखाने की कोशिश की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है, जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके। महाराष्ट्र से करीब 100 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों की एक टीम केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए रवाना हुई।