2 सालों बाद फिर किसानों का दिल्ली मार्च, किन मांगों पर अड़े?
Farmers protest 2024 : 2 साल बाद एक बार फिर किसान सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। सोमवार देर रात 5 घंटे की बैठक विफल होने के बाद आज सुबह से ही दिल्ली से सटी सीमाओं पर सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है। नोएडा, गाजियाबाद समेत सभी रास्तों पर लंबा जाम दिखाई दे रहा है।
क्या है किसानों की मांग : आंदोलनकारी किसानों की सबसे बड़ी मांग MSP की कानूनी गारंटी हैं। इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा 200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी, 700 रुपए प्रतिदिन मजदूरी, पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी, फसल बीमा सरकार खुद करे, विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर करने की भी मांग कर रहे हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो आंदोलन समाप्त करने के बारे में विचार करेंगे।
क्या कहते हैं किसान नेता : किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को प्रताड़ित कर रही है। पंजाब, हरियाणा की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह लग रही हैं। हम नहीं कह रहे कि हम सड़कें अवरुद्ध कर देंगे, सरकार खुद सड़कें अवरुद्ध कर रही है। हम अन्न उगाते हैं, सरकार कीलें उगा रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार एमएसपी पर कानूनी गांरटी, कर्ज माफी और स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दों पर एक समिति गठित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि हम एक मंच पर अपने किसानों को बताएंगे कि बैठक में क्या हुआ? उन्होंने कहा कि दिल्ली की ओर कूच करना हमारी मजबूरी है।
किसान संघों के झंडों वाली ट्रैक्टर-टॉली पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन समेत अन्य आवश्यक सामान बांधा। ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले में एक खुदाई मशीन थी। अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल अवरोधक तोड़ने में किया जाएगा।
Edited by : Nrapendra Gupta