Before the G-20 summit Jaishankar's statement : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि आज दुनिया उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम में बंटी हुई है तथा विभाजित दुनिया को एक साथ लाना भारत की जिम्मेदारी है। मंत्री ने कहा कि देश की शासन व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और स्वतंत्र विदेश नीति के कारण भारतीयों को दुनिया में सम्मान मिलता है।
उन्होंने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय में बहुत महत्वपूर्ण है, जब दुनिया अच्छे स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, अच्छे पोषण, पानी, ऊर्जा के साथ-साथ पर्यावरणीय परिवर्तन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। जयशंकर ने यहां हिंदू कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, दुनिया उत्तर में विकसित देशों और दक्षिण में विकासशील देशों में विभाजित है, और यूक्रेन युद्ध के कारण, देशों को पूर्व और पश्चिम में ध्रुवीकृत किया जा रहा है। हम इन सबके बीच में हैं, इसलिए इस विभाजित दुनिया को एक साथ लाना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, यूक्रेन युद्ध ने भी दुनिया के लिए कई परेशानियां खड़ी कर दी हैं। इससे ईंधन की कीमतें, खाद्यान्न की उपलब्धता और कीमतें तथा उर्वरकों की उपलब्धता और कीमतें प्रभावित हुई हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। दुनिया अच्छे स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, अच्छे पोषण, अच्छे पानी, अच्छी ऊर्जा और पर्यावरण परिवर्तन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। इस दौर में जी-20 की भारत की अध्यक्षता बेहद अहम है।
मंत्री ने कहा कि देश की शासन व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और स्वतंत्र विदेश नीति के कारण भारतीयों को दुनिया में सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा, भारत कई मायनों में कोविड महामारी से बहुत जल्दी उबर गया है, जबकि कई देश ठीक से उबर नहीं पाए। भविष्य में एक दिन जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगे कि साल 2023 भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था जिसमें जी-20 की अध्यक्षता ने हमें दुनिया के सामने एक विशेष स्थान पर स्थापित किया।
जयशंकर ने कहा कि अमृत काल के अगले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं जिसमें हमें एक विकसित राष्ट्र बनना है। उन्होंने कहा, युवा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज के समय में देश के युवाओं को यह समझना होगा कि उनके काम, सपने, आकांक्षाएं, उपलब्धियां अब भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं हैं।
उन्होंने छात्रों से अपने आसपास हो रहे बदलावों और क्रांतियों को उत्साह के साथ अपनाने का आह्वान किया क्योंकि यह न्यू इंडिया को दर्शाता है। जयशंकर ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आने वाले 25 वर्षों में इसे जारी रखने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, तब केवल 50 देश इसके सदस्य थे, लेकिन आज लगभग 200 देश विश्व निकाय के सदस्य हैं। उन्होंने कहा, जनसंख्या के हिसाब से भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसलिए भारत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)