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Last Updated : गुरुवार, 9 नवंबर 2023 (00:48 IST)

Cash for query row : एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की

mahua moitra
TMC MP Mahua Moitra : टीएमसी (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के 'कैश फॉर क्वेरी' (Cash for query row) मामले में एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।

आज सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि लोकपाल ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा कथित भ्रष्टाचार किए जाने की उनकी शिकायत पर उनके (मोइत्रा के) खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जांच का आदेश दिया है।
 
इस घटनाक्रम की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए मोइत्रा ने कहा कि सीबीआई को पहले अडाणी समूह के कथित कोयला घोटाले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने यह कटाक्ष भी किया कि ‘लोकपाल अभी जिंदा है।’
 
इससे कुछ दिन पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर, उपहारों के बदले, अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस मामले को लोकसभा की आचार समिति देख रही है।
 
मोइत्रा ने किसी भी तरह का आर्थिक लाभ प्राप्त करने के आरोप से इनकार किया है। दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि   लोकपाल ने मेरी शिकायत पर, राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने की आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ आज सीबीआई जांच का आदेश दिया। हालांकि लोकपाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
 
मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मोदी जी का लोकपाल अस्तित्व में है और इसे विशेष रूप से पाले गए...द्वारा सक्रिय किया गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकपाल कार्यालय के लिए ऐसी महत्वपूर्ण घोषणाओं को आउटसोर्स करना अपमानजनक है। मोइत्रा ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘लोकपाल अभी जिंदा है।’

500 पेज की रिपोर्ट तैयार : एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के मामले में 500 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। कमेटी ने लोकसभा सचिवालय से यह भी सिफारिश की है कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो। अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को फैसला लेना है।

कौन हैं कमेटी में : कैश फॉर क्वेरी केस में एथिक्स कमेटी बनाई गई है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं और इस कमेटी में बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू से भी एक-एक सदस्य शामिल हैं।