राजस्थान और मध्यप्रदेश में 'भारत जोड़ो यात्रा' क्यों नहीं दिखा पाई कर्नाटक जैसा कमाल
Congress's Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं संगठन में नई उर्जा का संचार किया, हालांकि इसका चुनावी असर अब तक मिलाजुला ही रहा है।
यात्रा के बाद हुए कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कामयाबी मिली तो वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा। यह यात्रा इन चारों राज्यों से होकर गुजरी थी। कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी हार गई लेकिन यात्रा इस राज्य से होकर नहीं गुजरी थी।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 7 से 30 नवंबर के बीच मतदान हुआ और वोटों की गिनती रविवार को हुई। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता का एक बड़ा श्रेय भारत जोड़ो यात्रा को दिया था। भारत जोड़ो यात्रा जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी, उनमें से 15 में कांग्रेस को जीत हासिल हुई।
यात्रा कई दिनों तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में रही थी, लेकिन इसका चुनावी असर ज्यादा नहीं हुआ। पूर्व कांग्रेस नेता और राजनीतिक टिप्पणीकार संजय झा ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों के लिए परिवर्तनकारी रही है।
उन्होंने कहा, इस यात्रा ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रेरित करने में मदद की। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आज के नतीजे हमें बताते हैं कि बढ़ते हिंदुत्व की धारा अब अधिक स्पष्ट हो रही है। दुर्भाग्य से, न तो कांग्रेस और न ही विपक्ष ने भाजपा के धार्मिक कार्ड का जवाब देने की कोशिश की है।
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने पिछले साल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। करीब 4 हजार किलोमीटर की पदयात्रा का इस साल 30 जनवरी को श्रीनगर में समापन हुआ था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour