एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण पर आया DRDO चीफ का बड़ा बयान
नई दिल्ली। भारत का उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा। यह बात बुधवार को DRDO के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कही। रेड्डी ने कहा कि परियोजना के लिए मंजूरी करीब 2 वर्ष पहले दी गई थी।
अंतरिक्ष में भारत द्वारा उपग्रह को मार गिराए जाने के बाद उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इससे देश अंतरिक्ष शक्तियों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है। रेड्डी ने कहा कि परीक्षण के लिए उपयोग की गई प्रौद्योगिकी पूरी तरह स्वदेश में विकसित है।
उपग्रह को मिसाइल से मार गिराया जाना दर्शाता है कि हम ऐसी तकनीक विकसित करने में सक्षम हैं जो सटीक दक्षता हासिल कर सकता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख ने कहा कि उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से हमारी क्षमता का पता चलता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को काफी तेजी से लागू किया गया और इस तरह के कार्यक्रम लागू करने में यह DRDO की क्षमता को दर्शाता है।
पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं दी वैज्ञानिकों को अनुमति : एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैज्ञानिक एक दशक पहले ही एंटी सैटेलाइट मिसाइल बनाने में सक्षम थे, लेकिन उस समय की सरकार ने उन्हें कभी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।
विपक्ष खासकर कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो लोग अपनी नाकामियों के लिए अपनी पीठ थपथपाते हैं, उनको याद रहना चाहिए कि उनसे जुड़ी कहानियों के पद चिह्न बहुत दूर तक हैं और कहीं न कहीं ये पद चिह्न मिल ही जाते हैं।
जेटली ने जोर देकर कहा कि यह बहुत समय पहले से हमारे वैज्ञानिकों की इच्छा थी और उनका कहना था कि हमारे पास यह क्षमता है, लेकिन उस समय की सरकार हमें यह करने की अनुमति नहीं देती थी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अप्रैल 2012 में डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वी के सारस्वत ने कहा था कि भारत अब एंटी सैटेलाइट मिसाइल बना सकता है। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।
जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बुधवार को भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज कराया और ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस उपलब्धि के लिये वैज्ञानिकों की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं लेना चाहिए।