नोटबंदी ने किया अर्थव्यवस्था को ध्वस्त, सरकार पर बरसा विपक्ष
नई दिल्ली। कांग्रेस ने नोटबंदी के 5 साल पूरे होने के मौके पर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था इस कदर ध्वस्त हुई कि आज तक उठ नहीं सकी।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सवाल किया कि अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? कालाधन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया- पहले हमें बताया गया कि नोटबंदी का मकसद कैशलेस अर्थव्यवस्था है। जल्द ही सर्वज्ञानी ने पटरी बदल दी और कहा कि कैशलेस नहीं, बल्कि कम कैश है। अब चलन में नकदी नोटबंदी के पहले के समय के मुकाबले ज्यादा हो चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हर बीतते साल के साथ यह और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि 8 नवंबर, 2016 (नोटबंदी की घोषणा) दुनिया के आर्थिक इतिहास सबसे बड़ी नीतिगत गलती थी।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा कि आज नोटबंदी की पांचवीं बरसी है। आर्थिक दृष्टि से भी आज एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज ही का वो काला दिन था वर्ष 2016 में, जब भारत की इकोनॉमी को ध्वस्त किया गया था, जिससे वो आज तक नहीं उठ पाई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके तहत 1000 और 500 रुपए के नोट चलन से बाहर हो गए थे। फिर 2000 और 500 रुपए के नोट जारी किए गए थे।
सपा-बसपा ने भी साधा निशाना : अन्य विपक्षी दलों- बहुजन समाज पार्टी और सपा ने नोटबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने सोमवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 'कू' पर लिखा है, नोटबंदी से काला धन (वापस) नहीं आया, बल्कि भाजपा सरकार द्वारा उनके कुछ खास पूंजीपतियों को लाभ देकर किसान, मजदूर, छोटे व्यापारियों व मेहनतकश लोगों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया।
समाजवादी पार्टी ने 8 नवंबर को काला दिवस मनाते हुए सोमवार को प्रदेश स्तर पर पदयात्रा और धरना प्रदर्शन किया। सपा मुख्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री संजय गर्ग ने 8 नवंबर (इसी दिन नोटबंदी की घोषणा हुई) को काला दिवस मनाते हुए आज प्रदेश स्तर पर पदयात्राएं व धरना प्रदर्शन आयोजित कर भाजपा की नाकामी व तानाशाही को याद दिलाई।