मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन ने दिया इस्तीफा, CM केजरीवाल ने किया मंजूर
नई दिल्ली। आबकारी घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मनीष सिसोदिया को आबकारी घोटाले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। खबरों के मुताबिक मनीष सिसोदिया के विभाग कैलाश गहलोत को दिए जाएंगे। अभी कोई नया मंत्री नहीं बनाया जाएगा। राजकुमार आनंद को भी कुछ विभाग दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट से मिला था झटका : सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इंकार कर दिया। सिसोदिया वर्तमान में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, कि हम मौजूदा स्थिति में अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।
पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घटना दिल्ली में हुई है, सिसोदिया सीधे शीर्ष अदालत में नहीं आ सकते हैं। पीठ ने कहा कि उनके पास संबंधित निचली अदालत के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट के पास जाने के भी उपाय हैं।
सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को गिरफ्तार करने की जरूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतिगत फैसले अलग-अलग स्तर पर लिए गए और इसके अलावा कोई रकम बरामद नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल भी आबकारी नीति में नीतिगत फैसले का हिस्सा थे। शीर्ष अदालत ने जब कहा कि वह मौजूदा स्थिति में याचिका पर विचार नहीं करेगी, सिंघवी ने इसे वापस ले लिया।
सिसोदिया के पास 18 विभाग : दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक कुल 33 विभाग हैं। इनमें से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सेवाओं, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास जैसे 18 विभाग सिसोदिया के पास हैं। सिसोदिया के पास ऐसे सभी विभागों का प्रभार है जो किसी को आवंटित नहीं हैं।
जुलाई 2022 में दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। सक्सेना ने सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद ED और CBI ने सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू की। इस मामले में भाजपा ने नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए हैं। सिसोदिया पर शराब घोटाले से जुड़े अहम सबूतों को नष्ट करने का आरोप है।