विक्षिप्त लोगों की मौतों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया पानी की जांच का आदेश
आशा किरण आश्रय गृह में 1 बच्चे सहित 14 लोगों की मौत का मामला
Asha Kiran Ashray Grih death Case: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सोमवार को कहा कि विक्षिप्त लोगों के लिए शहर की सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह (Asha Kiran Ashray Grih) में रह रहे 14 लोगों की हाल में हुई मौत एक अजब संयोग है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि लगभग सभी मृतक टीबी से पीड़ित थे।
आश्रय गृह का दौरा और एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश : पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता और सीवर पाइपलाइन की स्थिति की जांच करने तथा इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी अगस्त को आश्रय गृह का दौरा करने और एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उसने जोर देकर कहा कि मामले में सुधारात्मक उपाय किए जाने की जरूरत है और अगर आश्रय गृह में क्षमता से ज्यादा लोग रहे हैं तो प्राधिकारी कुछ लोगों को दूसरे प्रतिष्ठानों में स्थानांतरित करेंगे।
1 बच्चे सहित 14 लोगों की मौत : जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में 1 बच्चे सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी। मौतों की जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मामले को 7 अगस्त को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 विक्षिप्त लोग रह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार इस आश्रय गृह में फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta