Delhi coaching centre Incident case : दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने की घटना में जान गंवाने वाले सिविल सेवा परीक्षा के 3 अभ्यर्थियों के दोस्त और परिजन राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में उनके शवों को देखने की इजाजत नहीं दिए जाने से गुस्से में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार शाम भारी बारिश के बाद कोचिंग सेंटर राऊ आईएएस स्टडी सर्कल की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया यादव, तेलंगाना की रहने वाली तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले नवीन दलविन की मौत हो गई।
तीनों मृतक अभ्यर्थियों के शव आरएमएल शवगृह में रखे हुए हैं और उनके परिजन इन्हें देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं। जान गंवाने वाले तीनों अभ्यर्थियों के दोस्त भी अस्पताल पहुंचे और शनिवार को हुई घटना पर गुस्सा जाहिर किया। श्रेया यादव के चाचा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी समाचार चैनलों से मिली।
धर्मेंद्र यादव ने कहा, मैंने उसे (श्रेया) फोन करने की कोशिश की लेकिन उसका फोन बंद था। उन्होंने कहा कि यहां तक कि कोचिंग सेंटर से भी संपर्क नहीं हो पा रहा था। मैं गाजियाबाद से उस जगह पर पहुंचा, जहां वह रह रही थी लेकिन उसका कमरा भी बंद था।
उन्होंने कहा, मैं कोचिंग सेंटर गया, जहां मेरी मुलाकात पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) से हुई और उन्होंने मुझे आरएमएल अस्पताल जाने को कहा। अस्पताल में मुझे उसका (श्रेया का) शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि उन्होंने उसका शव वहां होने की पुष्टि की।
श्रेया ने कृषि में बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी और मई में ही कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया था। उसके माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्त पूर्वाह्न 10 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे। श्रेया के माता-पिता और दोस्त अपराह्न एक बजकर 43 मिनट पर उसका शव लेकर गए।
छात्रों ने की जवाबदेही की मांग, सुरक्षा को लेकर जताई चिंता : दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले 3 अभ्यर्थियों की मौत से छात्रों में रोष फैल गया है और उन्होंने सरकार से जवाबदेही की मांग की है। राव आईएएस स्टडी सर्किल और अन्य संस्थानों के छात्रों ने इस घटना पर अपना रोष जताते हुए शहरभर के कोचिंग सेंटर में सुरक्षा उल्लंघनों को उजागर किया है और दिल्ली सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
छात्रों ने बेसमेंट में हुई मौतों को लेकर कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए। प्रारंभिक जांच के अनुसार, बेसमेंट में एक लाइब्रेरी भी है। पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक छात्र ने कहा, घटना की सबसे बड़ी जिम्मेदारी राव आईएएस स्टडी सर्किल की है, क्योंकि घटना वहीं हुई।
उन्होंने कहा कि मुखर्जी नगर में जब ऐसी ही घटनाएं हुईं, तब भी दिल्ली के अधिकारियों ने लापरवाही बरती और कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। उन्होंने पिछले सप्ताह पटेल नगर में हुई घटना का भी जिक्र किया, जहां भारी बारिश के बाद जलभराव वाली सड़क पर एक सिविल सेवा अभ्यर्थी को बिजली का करंट लग गया था।
एक अन्य छात्रा ने शहर के कोचिंग सेंटर में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उजागर किया। छात्रा ने कहा, इन कोचिंग सेंटर में सुरक्षा उपाय लागू करने में किसी की दिलचस्पी ही नहीं है। छात्रा ने कहा, यहां आग लगने पर निकलने का रास्ता या आपातकालीन निकास नहीं है।
छात्रा ने कहा, उज्ज्वल भविष्य वाले लोग जोखिम में हैं। हम नौकरशाही में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं और यदि यह व्यवस्था हमारे लिए काम नहीं करती है, तो हमारा विश्वास इसमें खत्म हो जाएगा। उन्होंने स्थानीय लोगों और साथी छात्रों से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया।
गाजियाबाद के रहने वाले धर्मेंद्र ने कहा कि जब उनकी भतीजी ने उनके फोन का जवाब नहीं दिया, तो वह ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित संस्थान पहुंचे। उन्होंने कहा, जब मैं कोचिंग सेंटर पहुंचा तो मुझे आरएमएल (राम मनोहर लोहिया) अस्पताल भेज दिया गया, जहां मुझे पता चला कि श्रेया नाम की लड़की लाश मिली है, लेकिन मुझे उसे देखने की अनुमति नहीं दी गई।
आरएमएल अस्पताल में पीड़ितों के रिश्तेदारों में गुस्सा था, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें शव देखने की अनुमति नहीं दी जा रही, जबकि वे सुबह से इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की कि शाम सात बजे के आसपास राव आईएएस स्टडी सेंटर से जलभराव के बारे में एक कॉल प्राप्त हुई थी।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी, जहां कई छात्र मौजूद थे, जब अचानक पानी भरने लगा। इस बीच, पुलिस ने कहा कि जिस कोचिंग सेंटर में मौतें हुईं, उसके मालिक और समन्वयक को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। (एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour