चक्रवात ‘तितली’ से प्रभावित ओडिशा में भूस्खलन से 12 लोगों की मौत
भुवनेश्वर। ओडिशा के गजपति जिले में चक्रवाती तूफान तितली से हुई भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई जिससे राज्य में तूफान से मरने वालों की संख्या 15 पर पहुंच गई।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन रायगडा प्रखंड के बरघारा में हुआ जब कुछ गांववालों ने भारी बारिश के बाद एक गुफा के नीचे शरण ले रखी थी।
उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मलबे में तीन अन्य के फंसे होने की आशंका है। भूस्खलन में कुछ मकान तथा अन्य इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। गजपति तथा 2 अन्य जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताता हूं।
वरिष्ठ बीजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्र शेखर साहू ने कहा कि उन्होंने कई शव देखे हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने गांववालों को चक्रवात से पहले सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने साफ तौर पर ‘मना’ कर दिया।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी हादसे पर दुख जताया तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। मुख्य सचिव ए पी पाधी ने कहा कि जिलाधीश से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और प्रभावित परिवारों को नियमों के अनुसार वित्तीय मदद दी जाएगी।
विशेष राहत आयुक्त बीपी सेठी ने बताया कि जिले के पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधीश तथा एनडीआरएफ के कर्मियों और चिकित्सा दल को घटनास्थल पर भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने में काफी वक्त लगा क्योंकि पेड़ उखड़ने और पत्थर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान तेज हो गया है। चक्रवात और बाढ़ से 16 जिले प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने गंजाम और गजपति जिलों तथा रायगडा जिले के गुनुपुर उपमंडल में चक्रवात तथा बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने चक्रवात तितली और इसके बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के बाद भुवनेश्वर समेत दक्षिणी तथा मध्य मंडलों में अपने सभी कर्मचारियों की दशहरे की छुट्टी रद्द कर दी है। (भाषा)