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Last Modified: रविवार, 7 जनवरी 2024 (23:36 IST)

लोकसभा चुनाव: सीट शेयरिंग को लेकर सोमवार को होगी कांग्रेस और AAP की बैठक

सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों से बातचीत

लोकसभा चुनाव: सीट शेयरिंग को लेकर सोमवार को होगी कांग्रेस और AAP की बैठक - Congress begins seat-sharing talks with INDIA bloc constituents
नई दिल्ली। व्यापक आंतरिक विचार-विमर्श के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कुछ राज्यों में ‘इंडिया’ गठबंधन की समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के अन्य नेताओं से संपर्क करने के लिए कहा गया है और कुछ दलों के साथ बातचीत शुरू हो गई है। सूत्रों ने बताया कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक बातचीत सोमवार से शुरू होगी।
 
सीट-बंटवारे पर कांग्रेस की पांच सदस्यीय समिति पहले ही प्रदेश कांग्रेस प्रमुखों के साथ आंतरिक परामर्श कर चुकी है और अपने निष्कर्ष पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप चुकी है। इस समिति के संयोजक मुकुल वासनिक और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और भूपेश बघेल सदस्य हैं।
 
अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत 28 दलों के विपक्षी गठबंधन द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा से एकजुट होकर मुकाबला करने के फैसले के बाद हुई है।
 
‘इंडिया’ गठबंधन 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर विपक्षी उम्मीदवार उतारने पर सहमत हुआ है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सीट बंटवारा समिति के सदस्यों को अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे पर काम करने की जिम्मेदारी दी है।
 
कांग्रेस का तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड), झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और असम में अन्य पार्टियों के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन है, लेकिन प्रमुख राज्यों में कुछ मुख्य दलों के साथ उसका कोई गठबंधन नहीं है।
 
इनमें से सबसे अधिक गतिरोध वाले राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं, जहां ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कठिनाई को पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया है।
 
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और लेफ्ट विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद एक दूसरे के साथ कोई समझौता नहीं चाहते हैं और कांग्रेस को इनमें से किसी एक को चुनना होगा। टीएमसी नेताओं और कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के हालिया बयान भी राज्य में टीएमसी और कांग्रेस के बीच संभावित साझेदारी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
 
केरल में, लोकसभा की 20 सीट में से 19 कांग्रेस गठबंधन के पास है। यहां कांग्रेस का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ समझौता होना कठिन प्रतीत होता है क्योंकि उसे अपनी मौजूदा सीटें गठबंधन सहयोगियों बीच बांटनी होगी।
 
पंजाब में आप और कांग्रेस दोनों की प्रदेश इकाइयां अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और कोई समझौता नहीं करना चाहतीं।
 
सूत्रों ने कहा कि केरल जैसे अन्य राज्यों की प्रदेश कांग्रेस इकाइयों ने भी इस तरह के सीट-बंटवारे का विरोध किया है।
 
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है, खासकर यादव के हालिया बयानों को देखते हुए, जो हाल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई सीट नहीं दिए जाने और कमलनाथ के बयानों के कारण कांग्रेस से नाराज हैं।
 
हालांकि, पार्टी भाजपा के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करने के लिए किसी बीच के रास्ते की उम्मीद करते हुए सभी सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे पर बातचीत कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने इस महीने के अंत तक विपक्ष के अन्य दलों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था पूरी करने का फैसला किया है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने शनिवार को कहा था कि ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेता विपक्षी गठबंधन के पदाधिकारियों पर चयन के संबंध में 10-15 दिन के भीतर निर्णय लेंगे। उनकी यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले एक संयोजक बना सकता है।  भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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