दिल्ली दौरे से पहले CM योगी आदित्यनाथ ने केशव प्रसाद मौर्य को दिया बड़ा झटका!
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच जारी शह-मात के सियासी खेल में एक बार योगी आदित्यनाथ भारी पड़ते दिख रहे है। लखनऊ में हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में यूपी भाजपा के इन दो दिग्गज नेताओं के बीच जिस तरह से सियासी तलवारें खिंची उसके बाद दोनों ही नेता शक्ति प्रदर्शन में जुट गए है।
केशव को हराने वाले पल्लवी से योगी की मुलाकात-गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना दल (कमेरावादी) की नेता और 2022 में सिराथू विधानसभा सीट से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हराने वाले पल्लवी पटेल से मुलाकात कर सियासी पारे को और गर्मा दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पल्लवी पटेल की मुलाकात को भले ही सौजन्य मुलाकात बताया जा रहा हो लेकिन इस मुलाकात से योगी आदित्यनाथ ने एक तीर से कई निशानें साध लिए। दरअसल 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन में लड़ने वाली पल्लवी पटेल लोकसभा चुनाव ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था, ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले योगी और पल्लवी की मुलाकात ने नए सियासी समीकरण बनने की संभावना तेज कर दी है।
पल्लवी पटेल अगर भाजपा के साथ आती है तो उपचुनाव में सपा और कांग्रेस की मुश्किलें तो बढ़ेगी, खुद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए बड़ा झटका होगा। पल्लवी पटेल को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की धुर विऱोधी के तौर पर देखा जाता है, ऐसे में मुख्यमंज्ञी योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात ने मौर्य खेमे को बड़ा झटका दिया है।
बागी तेवर दिखाने वाले संजय निषाद के बदले सुर-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद से मुलाकात की। पांच कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री निवास पर करीब आधे घंटे चली मुलाकात के बाद संजय निषाद के तेवर एकदम बदले हुए नजर आए। एक दिन पहले तक अपनी ही सरकार पर हमलावार संजय निषाद ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनको अपना अभिभावक बताते हुए कहा कि उनको सरकार से कोई नारजगी नहीं है और अब उनके सार काम हो जाएंगे।
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने कहा कुछ काम हमारे समाज के ऐसे थे जो नहीं हो पा रहे थे। हमने उन्हें बता दिया है। अब निश्चित रूप से सब काम हो जाएंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि सीएम योगी हम सब के अभिभावक हैं, सबका सम्मान और सबकी रक्षा और जिस जिम्मेदारी के साथ आए है वो सब कर हैं। वहीं गठबंधन में खींचतान की खबरों को खारिज करते हुए संजय निषाद ने कहा कि ये सब विपक्ष की बयानबाजी है और सारी बातें बेबुनियाद हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाया था। वहीं पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से संजय निषाद की मुलाकात ने से सूबे के सियासी पारा को गर्मा दिया था।
दिल्ली दौरे से पहले योगी की मुलाकातें- उत्तर प्रदेश में सियासी खींचतान और अपने दिल्ली दौरे से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलवार पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक कर लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की जमीनी रिपोर्ट तैयार करने के साथ विधायकों के गले शिकवे भी दूर कर दिए है। अपनी सरकार और प्रशासनिक अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर लगातर पार्टी के अंदर ही सवालों के घेरे में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विधायकों से वन-टू- वन चर्चा कर उनकी नाराजगी दूर करने का काम किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली जा रहे है। माना जा रहा है कि अपने दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। उत्तर प्रदेश में जारी सियासी खींचतान और 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सीएम योगी के दिल्ली दौरे पर सबकी निगाहें टिकी है।