गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. citizenship certificates under caa given to 14 people by modi govt
Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 15 मई 2024 (20:17 IST)

CAA लागू होने के बाद पहली बार 14 लोगों को मिली भारत की नागरिकता, MHA ने बांटे सर्टिफिकेट

CAA लागू होने के बाद पहली बार 14 लोगों को मिली भारत की नागरिकता, MHA ने बांटे सर्टिफिकेट - citizenship certificates under caa given to 14 people by modi govt
citizenship certificates : संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत नागरिकता प्रमाण-पत्रों का पहला सेट बुधवार को जारी करने के साथ 14 लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई। इसके साथ ही पड़ोसी देशों में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हो गया है।
 
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से आवेदनों पर ऑनलाइन मंजूरी के बाद 14 लोगों को प्रमाण-पत्र सौंपे।
 
आम चुनावों के बीच यह कदम उठाया गया है। मतदान का पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ था और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा जबकि मतगणना चार जून को होगी।
 
सीएए को 31 दिसंबर 2014 तक या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था। इनमें हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं।
 
कानून बनने के बाद, सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें 4 साल से अधिक की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को जारी किया गया।
 
नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करते समय, गृह सचिव ने 14 आवेदकों को बधाई दी और नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की मुख्य विशेषताओं को रेखांकित किया। इस मौके पर सचिव (डाक), निदेशक (आसूचना ब्यूरो) और भारत के रजिस्ट्रार जनरल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
 
गृह मंत्री शाह ने कहा कि तीन देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भाई-बहनों को नागरिकता मिलनी शुरू हो गई है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के समय किया गया वादा पूरा किया है।
 
शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि मैं दशकों से पीड़ित इन लोगों को न्याय और अधिकार देने के लिए मोदीजी का आभार व्यक्त करता हूं। मैं अपने सभी शरणार्थी भाइयों और बहनों को भी आश्वस्त करता हूं कि मोदी सरकार सीएए के माध्यम से उन सभी को नागरिकता देगी। मोदी की गारंटी...वादे पूरे करने की गारंटी है।
 
सीएए के नियमों में आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एसएलईसी) में आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
 
प्रवक्ता ने कहा कि ‘इन नियमों के लागू होने के बाद, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो धार्मिक उत्पीड़न या इसके डर के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।
 
प्राधिकृत अधिकारियों के रूप में वरिष्ठ डाक अधीक्षकों या डाक अधीक्षकों की अध्यक्षता वाली डीएलसी ने दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई है। नियमानुसार आवेदनों पर कार्रवाई के बाद, डीएलसी ने आवेदनों को निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता वाली राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एसएलईसी) को भेज दिया। आवेदनों पर कार्रवाई पूर्णतः ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है।
 
निदेशक (जनगणना संचालन), दिल्ली की अध्यक्षता में दिल्ली की अधिकार प्राप्त समिति ने उचित जांच के बाद 14 आवेदकों को नागरिकता देने का निर्णय लिया। इसी क्रम में, निदेशक (जनगणना संचालन) ने इन आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किये।
 
2019 में सीएए के पारित होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और प्रदर्शनकारियों ने इसे ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया। देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों या पुलिस कार्रवाई के दौरान 100 से अधिक लोगों की जान चली गई।
 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते रहे हैं कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। भाषा