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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : बुधवार, 8 जुलाई 2020 (16:56 IST)

चीन की चाल, भारतीय सेना पर PP-14 तक गश्त करने पर रोक

चीन की चाल, भारतीय सेना पर PP-14 तक गश्त करने पर रोक - China move, Indian Army prohibits patrolling till PP-14
जम्मू। कूटनीतिक और सैन्य स्तर लंबी बातचीत के बाद लद्दाख में चीनी सेना पीछे तो हट रही है, लेकिन भारतीय सेना को भी पीपी-14 तथा गलवान वैली में गश्त करने से रोक दिया गया है। यह चीनी सेना की चाल थी जिसके तहत उसने पीपी-14 प्वाइंट और गलवान वैली के झड़प वाले इलाकों को मिलाकर करीब 3 किमी के क्षेत्र को बफर जोन में परिवर्तित करने के लिए भारतीय सेना पर दबाव डाला था।
 
भारतीय सेना का दावा है कि उसने चीनी सेना को डेढ़ किमी पीछे हटने पर मजबूर किया है। पर मिली जानकारी कहती है कि चीनी सेना सिर्फ 800 मीटर पीछे ही गई है। ऐसा ही उसने 17 जून को भी किया था जब वापसी की शर्तें तय होने के उपरांत वह इतनी ही दूरी पर जाकर पुनः भारतीय क्षेत्र में लौट आई थी।
 
इस बीच, खबर है कि चीनी सेना डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत पीपी 15 से 2 किमी पीछे हट गई है। फिंगर एरिया 4, 5 में चीन ने अपने सैनिक कम कर लिए है। माना जा रहा है कि पॉइंट 17 पर गुरुवार शाम तक पीछे हट जाएंगे सैनिक। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय सैनिक भी पीछे हटे हैं। 
 
हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजियान ने एक विदेशी समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि चीनी सेना उतनी ही पीछे हटेगी, जितनी कि भारतीय सेना। दूसरे शब्दों में कहें तो चीनी सेना को नहीं बल्कि भारतीय सेना को मजबूर किया गया है पीछे हटने को।
 
ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि चीनी सेना ने अपनी जो शर्तें इस कथित वापसी के लिए मनवाई हैं, उसके अनुसार अब भारतीय सेना पीपी-14 तथा गलवान वैली के उस इलाके में भी गश्त नहीं करेगी, जहां 16 जून को 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
 
दरअसल, अब पीपी-14 तथा गलवान वैली के झड़प वाले इलाकों में तकरीबन 3 वर्ग किमी के इलाके को बफर जोन अर्थात नो मैन्स लैंड में तब्दील करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। जानकारी के लिए नो मैन्स लैंड उस जगह को कहा जाता है जिस पर चीन या हिन्दुस्तानी फौज का अधिकार नहीं होगा।
 
एक अन्य जानकारी के अनुसार, सेना को पीपी-14 तक गश्त करने से रोकने में कामयाब होने वाली चीनी सेना अब दुर्बुक-शयोक-दौलतबेग ओल्डी रोड के लिए खतरा बन गई है क्योंकि रक्षाधिकारियों को चीनी सेना पर कतई विश्वास नहीं है तथा अभी भी 800 मीटर पीछे चले जाने के बावजूद चीनी सैनिक ऊंचाई वाले स्थानों पर मोर्चो जमाकर दुर्बुक-शयोक-दौलतबेग ओल्डी रोड के लिए खतरा पैदा करते रहेंगे।
 
इस संबंध में रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) इन्द्रेश कुमार जैन वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि भारत सरकार को चीन पर बिलकुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि उसकी कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। वे कहते हैं कि आर्थिक मोर्चे पर दबाव के चलते चीन भले ही फिलहाल पीछे हटने को राजी हो गया हो, लेकिन वह फिर आगे आ सकता है। दरअसल, जब तक चीन पूरी तरह पीछे नहीं हटे तब तक हमें भी नहीं हटना चाहिए। हालांकि जैन कहते हैं कि चीन हमारे सैनिकों को दबाव डालकर पीछे हटा दे, यह कतई संभव नहीं है।