30 हजार से 1 लाख रुपए तक महंगी होने वाली हैं कारें...
यदि आप कार लेने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 2018 के आखिरी तिमाही या 2019 की शुरूआत में ही कारों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। सभी छोटी कारों तथा सभी पैसेंजर कार के बेस मॉडल 30 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक महंगे हो सकते हैं।
इसका कारण भी जान लिजिए, दरअसल केंद्र सरकार अप्रैल 2019 से सभी कारों के लिए नए सुरक्षा मानक (सेफ्टी नॉर्म्स) लागू करने जा रही है। यह भी पता चला है कि इस मुद्दे पर सड़क व परिवहन मंत्रालय नोटिफिकेशन जारी करने वाली है।
आइए जानते है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का क्या रुख है इस मामले पर: सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) के डीजी विष्णु माथुर का कहना है कि बेस मॉडल में सेफ्टी फीचर्स बढ़ाने से लगभग सभी वाहनों की कीमतों में वृद्धि तय है, हालांकि यह पूरी तौर पर रॉ मटेरियल, लेबर और ऑटो इंड्स्ट्री के अन्य मानकों पर आधारित होगा।
वहीं संपूर्ण ऑटोइंडस्ट्री इस मामले पर एकमत है और उनका मानना है कि भारत स्टेज 6 जैसे सुरक्षा मानकों के अनुरूप नए फीचर्स लागू होने के बाद कारों की कीमत बढ़ना संभव है। वैसे कई कार निर्माताओं के लिए यह आसान होगा क्योंकि वे भारत में निर्मित कारें निर्यात कर रहे हैं और उन्हें हर हाल में यूरोपियन सुरक्षा मानकों के अनुरूप ही वाहन बनना पड़ते हैं।
अनिवार्य हो जाएंगे यह सुरक्षा मानक : कारों को ज्यादा सुरक्षित करने के उद्देश्य से रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री नए नियम अनिवार्य करने जा रही है। इसके तहत 1 जुलाई 2019 के बाद निर्मित सभी कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर, 80 किमी. प्रति घंटा से ज्यादा स्पीड होने पर अलर्ट सिस्टम, रिवर्स पार्किंग सेंसर और इमरजेंसी के लिए सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम की जगह मैनुअल ओवर राइड अनिवार्य हो जाएंगे।
इन सेफ्टी फीचर्स के अलावा कारों की कीमतों में बीएस-6 एमिशन नॉर्म्स का भी असर पड़ेगा। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को मौजूदा बीएस-4 से सीधे बीएस-6 पर जाना है। रिसर्च एजेंसी इकरा के मुताबिक, ऐसा होने से पेट्रोल कारों की कीमतें 30- 60 हजार रुपए तक और डीजल कारों की कीमतें 80 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक बढ़ सकती हैं।