हनुमान जयंती पर जुलूस को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की सख्ती
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में भड़की हिंसा के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट ने हनुमान जयंती के मौके पर निकलने वाले जुलूसों को लेकर बुधवार को सख्ती दिखाई है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि जिन क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई है, वहां हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस न निकाला जाए।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करे। उल्लेखनीय है कि रामनवमी के मौके पर हुगली जिले में हिंसा भड़क गई थी। इसके चलते कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू है।
ममता ने जताई थी हिंसा की आशंका : पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदू भाइयों से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का आह्वान करते हुए दावा किया कि बृहस्पतिवार को जब देश हनुमान जयंती मना रहा होगा तो राज्य में एक और दौर की हिंसा का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि हिन्दू भाई ध्यान रखें कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न हो।
बनर्जी ने यह भी दावा किया था कि हिंसा भड़काने के लिए त्योहार खत्म होने के 5 दिन बाद भी हथियार और बम रखने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जानबूझकर रामनवमी की शोभायात्रा निकाल रहे हैं। ममता की यह टिप्पणी हुगली जिले के रिसड़ा और श्रीरामपुर में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के बाद आई है। इन घटनाओं से पहले त्योहार के दिन 30 मार्च को हावड़ा के काजापाड़ा में एक और झड़प हुई थी।
हिंसा के पीछे भाजपा : बनर्जी ने कहा कि रामनवमी के पांच दिन बाद तक शोभायात्रा क्यों निकाली जाएगी? यह त्योहार वाले दिन निकालें। हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन वे बंदूक और बमों के साथ या पुलिस से जरूरी अनुमति के बिना शोभायात्रा नहीं निकाल सकते। ममता का आरोप है कि शोभायात्रा के दौरान आगजनी और झड़पों के पीछे भाजपा का हाथ है।