नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों से आवश्यक वस्तुओं और ईंधन के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि के कारण के आम लोगों के घर का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है और समाज का लगभग हर वर्ग इससे परेशानी महसूस कर रहा है।
जहां एक ओर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं पिछले 1 महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपए प्रति लीटर तक वृद्धि हुई है। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में रसोई गैस सहित अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
पंजाब के फगवाड़ा में रहने वाली एक गृहिणी अनुदीप कौर गोराया ने कहा कि ईंधन की कीमतों में प्रतिदिन की वृद्धि ने हमारे रोजमर्रा के जीवन को मुश्किल बना दिया है। रसोई गैस के एक सिलेंडर की कीमत लगभग 1हजार रुपए है और फल, सब्जियों, खाना पकाने वाले तेल समेत कई वस्तुओं की कीमतों में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
हरियाणा के एक जिले हिसार में ऑटो मार्केट में दुकान चलाने वाले व्यवसायी ओमपाल सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई ने न केवल बड़े बल्कि छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों को भी प्रभावित किया है। फिर चाहे वह मध्य प्रदेश में दूध बेचने वाला हो या फिर केरल का मछली विक्रेता।
भोपाल के एक दूध विक्रेता कल्लू राम (50) ने कहा कि कीमतों में वृद्धि से उनकी बचत पर सेंध लगी है। उन्होंने कहा कि मैं अपने ग्राहकों को बाइक से दूध पहुंचाने जाता हूं। कुछ महीने पहले मैं पेट्रोल पर केवल 100 रुपए प्रतिदिन खर्च करता था जबकि आज यह खर्च बढ़कर 160 रुपए प्रतिदिन तक पहुंच गया है। मैं चाहता हूं कि पेट्रोल के दाम कम हों।
चंडीगढ़ के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी बलदेव चंद ने कहा कि महंगाई ने उनके घर के बजट को बहुत प्रभावित किया है। वे कहते हैं कि मेरी पेंशन एक अच्छा हिस्सा पहले ही मेरी और मेरी पत्नी द्वारा ली जाने वाली दवाइयों पर खर्च हो रहा था। आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने हमें सभी गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।
पिछले 1 महीने में सीएनजी की कीमत में हुई 10 रुपए प्रति किलो की वृद्धि के कारण ऑटो और कैब चालकों ने 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा सीएनजी अब 69 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक दर पर मिल रही है। हम सरकार से सीएनजी पर 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी देने की मांग करते हैं ताकि हम जि़ंदा रह सकें। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजार में सब्जी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से ग्राहक और विक्रेता दोनों प्रभावित हुए हैं। कामिनी ने कहा कि पहले मैं रोजाना 1,500 रुपए तक कमा लेती थी लेकिन अब आमदनी 1,000 रुपए से भी नीचे आ गई है। लोग महंगी सब्जि़यां खरीदने से कतरा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण घाटे में चल रहे होटल और रेस्तरां मालिकों का कहना है कि गैस सिलेंडर और अन्य वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि ने कोविड महामारी के बाद व्यापार को एक ओर झटका दिया है। होटल और रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुदेश कुमार पोद्दार का कहना है कि एलपीजी के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमतों के साथ-साथ सभी आवश्यक वस्तुओं की कुल दरों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। ग्राहकों को खोने के डर से रेस्टॉरेंट अपनी वस्तुओं के दाम बढ़ाने में असमर्थ हैं, लेकिन खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
मुंबई में रहने वाले एक वित्तीय सलाहकार दीपक सहिजवाला ने कहा कि जब तक यूक्रेन संकट जारी रहेगा, ईंधन की कीमतों में वृद्धि होती रहेगी। भारत के लिए उच्च मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। सरकार के पास एकमात्र उपाय है कि वह ईंधन को जीएसटी के दायरे में लेकर आए। इससे खुदरा स्तर पर कीमतों में काफी कमी आएगी।