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Last Updated : गुरुवार, 9 दिसंबर 2021 (19:29 IST)

बड़ी खबर, दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर MI-17VH का ब्लैक बॉक्स मिला, खुलेगा हादसे का राज

बड़ी खबर, दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर MI-17VH का ब्लैक बॉक्स मिला, खुलेगा हादसे का राज - black box of  MI-17VH found near accident place in kunnur
कुन्नूर। वायुसेना के अधिकारियों ने आज सुबह भारतीय वायु सेना के दुर्घटना हेलीकॉप्टर MI-17VH का फ्लाइट रिकॉर्डर यानी ‘ब्लैक बॉक्स’ बरामद कर लिया। इस दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की मौत हो गई है।
 
ब्लैक बॉक्स से बुधवार को पर्वतीय क्षेत्र में हुए इस हादसे के पहले के घटनाक्रम संबंधी अहम जानकारी मिलेगी।इससे यह पता चल सकता है कि हादसे की वजह मौसम में खराबी थी या किसी अन्य वजह से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में केवल वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं।
 
क्या होता है ब्लैक बॉक्स :  किसी विमान या हेलीकॉप्टर में लगा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) या ब्लैक बॉक्स सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जिसकी मदद से विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है। इस उपकरण का नाम भले ही ब्लैक बॉक्स हो लेकिन उसका रंग नारंगी होता है और उसे विमान के पिछले हिस्से में लगाया जा सकता है ताकि दुर्घटना के बाद उसे खोजने में सहूलियत हो सके। विमान के पिछले हिस्से को दुर्घटना की स्थिति में सर्वाधिक सुरक्षित माना जाता है।
 
ब्लैक बॉक्स को काफी सुरक्षित तरीके से लगाया जाता है और इसके ऊपर कई कवर दिए जाते हैं ताकि दुर्घटना की स्थिति के अलावा आग और प्रतिकूल मौसम में भी वह सुरक्षित रह सके। विमान के महत्वपूर्ण उपकरणों में कॉकपिट वायस रिकॉर्डर (सीवीआर) भी होता है जो कॉकपिट की आवाज के अलावा रेडियो ट्रांसमिशन को रिकॉर्ड करता रहता है।
 
1953 में हुई थी ब्लैक बॉक्स की खोज : मेलबोर्न के एयरोनॉटिकल रिसर्च लैबोरेट्रीज के डेविड वारेन ने 1953 में ब्लैक बॉक्स की खोज की थी। उन्होंने विमान दुर्घटना के कारणों की पहचान में मदद के लिए ब्लैक बॉक्स की खोज की थी।
 
ब्लैक बाक्स का रंग लाल या नारंगी रखा गया ताकि दुर्घटना की स्थिति में उसे आसानी से प्राप्त किया जा सके। वर्ष 1960 में ऑस्ट्रेलिया पहला देश बन गया जिसने विमानों में ब्लैक बॉक्स लगाने को अनिवार्य बना दिया। भारत में नागर विमानन महानिदेशालय के नियमों के अनुसार एक जनवरी 2005 से सभी विमानों और हेलिकॉप्टरों में सीवीआर और एफडीआर लगाए जाने को अनिवार्य कर दिया गया।
 
 
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