Karnataka Election 2023 : कर्नाटक में भाजपा को पुराने मैसूर क्षेत्र में भारी बढ़त की उम्मीद
नई दिल्ली। कर्नाटक की सत्ता में वापसी के लिए विपक्षी पार्टी कांग्रेस जहां हरसंभव प्रयास कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इस राज्य में सत्ता की बागडोर संभाले रखने के लिए पुराने मैसूर क्षेत्र में अपनी सीटों की संख्या में भारी बढ़त की उम्मीद कर रही है।
दक्षिणी कर्नाटक क्षेत्र लंबे समय से भाजपा के लिए गले की फांस रहा है, खासकर विधानसभा चुनावों में। इस क्षेत्र में जनता दल (सेक्युलर) ने अपने नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय के बीच अच्छा खासा प्रभाव रखने के कारण पारंपरिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस भी इस क्षेत्र में एक अन्य प्रमुख ताकत रही है।
हालांकि भाजपा का मानना है कि 2019 में कांग्रेस-जद (एस) सरकार को गिराकर सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस क्षेत्र में आक्रामक रुख अख्तियार किया और कई प्रभावशाली स्थानीय नेताओं को पार्टी से जोड़ा। उसके मुताबिक जद (एस) का प्रभाव अभी कम हुआ है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने कई मठों का दौरा कर भाजपा की पहुंच का विस्तार किया है।
भाजपा महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा, हम क्षेत्र में अपनी सीटों की संख्या को बढ़ाएंगे और भारी बहुमत के साथ राज्य में सत्ता बरकरार रखेंगे।
कांग्रेस राज्य में अपने नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिली जनता की प्रतिक्रिया से उत्साहित है लेकिन सिंह ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पुराने मैसूर में पड़ने वाले चंपाराजनगर और बीजापुर में स्थानीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया।
राज्य से भाजपा के सबसे बड़े नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि उन्होंने 224 सदस्यीय विधानसभा में 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि प्रतिद्वंद्वी भाजपा के खिलाफ कुछ दावे कर सकते हैं लेकिन भाजपा एकजुट है और मुख्यमंत्री की छवि साफ-सुथरी है।
पुराना मैसूर राज्य में सत्ता बरकरार रखने की भाजपा की महत्वाकांक्षा का केंद्र बना हुआ है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार में वोक्कालिगा समुदाय से 7 मंत्री हैं जबकि केंद्र सरकार में शोभा करंदलाजे के रूप में भी एक मंत्री है। इसके राष्ट्रीय महासचिवों में से एक, सीटी रवि भी उसी जाति से हैं जो लिंगायत के बाद राज्य में दूसरी सबसे बड़ी है।
पुराने मैसूर में बेंगलुरु के बाहर लगभग 64 विधानसभा सीटें हैं और पिछली बार भाजपा की सीटों की संख्या 2 अंकों में भी नहीं पहुंच सकी थी। कांग्रेस और जद (एस) ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और दोनों ने अच्छी खासी सीटों पर जीत दर्ज की थी।Edited By : Chetan Gour (भाषा)