Story Of Bira: कैसे एक आइडिया से ‘बीरा’ का जन्म हुआ और वो भारत में बन गई सबसे पसंदीदा ‘बीयर’
जब भी विजय माल्या का नाम जेहन में आत है तो साथ ही बीयर का भी ख्याल आता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब बाजार में बीयर का एक नया रूप भी सामने आया है। दरअसल, आजकल बीयर के साथ ही बीरा भी बेहद पापुलर हो रही है।
आइए जानते हैं क्या है बीरा और कैसे हुई इसकी शुरुआत।
बीरा 91 बियर की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। लॉन्च होते ही ये बीयर युवाओं की पहली पसंद बन चुकी है। आज देश के बड़े-बड़े होटल, रेस्टोरेंट्स और पब्स में अधिकतर 'बीरा' ही सर्व की जाती है। दरअसल, ये भारत में बनाई गई पहली बोतल बंद 'क्राफ़्ट बीयर' है।
पहले इसे कोई नहीं जानता था, लेकिन पिछले 3 से 4 सालों में इसने युवाओं के बीच जिस तरह से अपनी पहचान बनाई वो इनक्रेडिबल है।
बता दें कि बीरा पूरी तरह भारतीय ब्रांड है। इसके फ़ाउंडर अंकुर जैन हैं, जिन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से फंड जुटाकर इसकी शुरूआत की थी।
अंकुर ने साल 2002 में शिकागो से 'कंप्यूटर इंजीनियरिंग' की डिग्री ली है। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका में एक 'हेल्थ केयर इंफ़ॉर्मेशन' स्टार्टअप से अपने करियर की शुरुआत की थी। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस दौरान उनके ऑफ़िस के ऊपर वाले फ़्लोर पर ब्रूकलिन ब्रिउअरी का ऑफ़िस हुआ करता था। ब्रूकलिन ब्रिउअरी अमेरिका में 'क्राफ़्ट बीयर' का एक बड़ा नाम है।
दरअसल, क्राफ़्ट बीयर बड़ी-बड़ी मशीनों में नहीं बनती, बल्कि छोटी मशीनें और इंडिपेंडेंट ब्रिउअर इसका निर्माण करते हैं। देश के कुछ पब्स में अगर आप क्राफ्ट बीयर मांगेंगे तो (ताज़ा तैयार हो रही बियर) भी मिल जाएगी। इस ताजा बीयर को 'क्राफ़्ट बीयर' कहा जाता है।
अपने ऑफिस में काम के दौरान ब्रूकलिन ब्रिउअरी में क्राफ्ट बीयर को बनता देखकर ही अंकुर के मन में बीरा बनाने का ख्याल आया। इसके बाद अमेरिका में अपना स्टार्टअप बेचकर अंकुर भारत लौट आए। भारत लौटकर उन्होंने सेरेना बेवरेजेज़ की शुरुआत की। ये कंपनी 'क्राफ़्ट बियर' के इंपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती थी।
करीब 4 साल तक अनुभव लेने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी बनाने का फ़ैसला किया, जो ख़ुद क्राफ़्ट बीयर बनाएगी और डिस्ट्रीब्यूट भी करेगी। साल 2015 में फ़ैमिली और दोस्तों से मिली 10 लाख डॉलर की फंडिंग की और 'बीरा 91' लॉन्च कर दी।
पहले इस बीयर का नाम बीरू रखा गया था, लेकिन जापान में एक कंपनी में इस नाम की कॉपीराइट की वजह से इसका नाम बाद में 'बीरा' रखा गया। 'बीरा 91' में जो 91 है, वो भारत का टेलीफ़ोन कोड है। इसलिए पूरा नाम बीरा 91 रखा तय किया गया।